गाजीपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जापानी इन्सेफ्लाईटिस (जेई) टीकाकरण अभियान 25 फरवरी से 8 मार्च तक चलाया जाएगा। इस क्रम में आज अभियान की शुरुआत नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हाथीखाना पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गिरीश चंद्र मौर्य, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आर. के. सिन्हा के द्वारा सबसे पहला टीका अंश कुमार गौतम को लगाकर की गयी। इसके पश्चात टीका लगाए गए सभी बच्चों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रमाण पत्र प्रदान किये।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आर. के. सिन्हा ने बताया कि पिछली बार जेई टीकाकरण अभियान में करीब 82,000 बच्चों का टीकाकरण का कार्य किया गया था। वहीं इस बार करीब 65,000 बच्चों को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए पूरे जनपद में एक साथ 409 स्थानों पर टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जायेगा। यह कार्य लगातार 10 दिनों तक चलेगा और उम्मीद है कि इस बार लक्ष्य के सापेक्ष अधिक बच्चों का टीकाकरण कर लिया जाएगा।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि खास बात यह है कि लोगों में जागरूकता, साफ़-सफ़ाई और अपने स्वास्थ्य के बारे में सजग होने को लेकर जनपद से अभी तक डेंगू, स्वाइन फ्लू व मस्तिष्क ज्वर के एक भी मरीज नहीं पाए गए।
जापानी बुखार के लक्षणों एवं बचाव के बारे में उन्होंने बताया कि जापानी इन्सेफेलाइटिस फैलाने वाले कुछ संभावित विषाणु जापानी इन्सेफेलाइटिस विषाणु, संक्रमण के पश्चात बीमारी का कोई विशेष इलाज नहीं है। लेकिन बीमारी का शुरू में ही पता चल जाने से उपचार जल्दी किया जाए तो ऐसी स्थिति में पीड़ित बच्चे या व्यक्ति की जान को बचायी जा सकता है।
समय से टीकाकरण, साफ-सफाई से रहना, गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना ही बीमारी के महत्वपूर्ण बचाव हैं। मच्छरों से बचाव, घरों के आसपास पानी न जमा होने देना। बच्चों को ताज़ा, बेहतर एवं संतुलित खान-पान देना। उन्होंने बताया कि बच्चों में यह रोग ज्यादा दिखने को मिलता है, ऐसे में कोशिश करें कि बच्चों को पूरे कपड़े ही पहनाएं ताकि उनका शरीर ढका रहे।
इस अवसर पर डॉ. पंकज सुथार, एस.एम.ओ. डब्ल्यूएचओ, डॉ. प्रभुनाथ, डीपीएम, अमित राय, लेखाकार, एनएचएम, सोना सिंह, सीडीपीओ मौजूद रहे।