जमानिया। क्षेत्र के इजरी गांव मे चल रहे शतचंडी महा यज्ञ मे सात दिवसीय संगीत मय मानस कथा में छठे दिन राघवाचार्य राहुल महाराज ने कहा कि मर्यादा के आवरण होने के कारण ही भगवान राम को दुनिया में श्रेष्ठ माना गया। उन्होंने अपने जीवन में पत्नी मां भाई के साथ सामंजस्य बनाए रखा ।
उन्होंने कहा कि सहोदर और आज्ञाकारी भाई इस जग में मिलना कठिन है ।आज के जमाने में तो भाई ही भाई का शत्रु बन बैठा है ।भाइयों में प्रेम समाप्त होता जा रहा है भाई के लिए भगवान ने सब कुछ त्याग दिया था। उन्होंने कहा कि भाई संपत्ति होता है ।आज का भाई तो विपत्ति के जगह संपत्ति का बंटवारा कर रहा है ।भाई एक अमूल्य निधि हैं उसको बचा के रखने से ही समाज व देश का भला होने वाला है। राहुल महाराज ने कथा में राम विवाह का प्रसंग सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया।
कथा में सतीश महाराज ने हनुमान जी की चर्चा कर खूब वाहवाही लूटी उपेंद्र यादव द्वारा भक्ति गीत प्रस्तुत किया गया जिस पर श्रोता गोता लगाते रहे कथा मंच का संचालन ग्राम प्रधान राम अधार यादव ने किया।इसी क्रम में क्षेत्र के देवरिया स्थित सिद्धेश्वरी शक्ति पीठ में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आठवें दिन कथा सुनाते हुए पं.चंद्रेश महाराज ने कहा कि अथाह बल,धन, पुत्र एवं सम्बन्धियों से भरा पूरा परिवार,विद्या और पद प्रतिष्ठा से सम्पन्न होना सम्भव है , पौराणिक काल एवं वर्तमान में भी अनेक लोग हुए हैं और हैं। उपरोक्त सभी होने के बावजूद यदि व्यक्ति के जीवन में सत्य,न्याय एवं धर्म न हो तो सब कुछ व्यर्थ है। रावण के पास सोने का महल ही नहीं बल्कि पूरी लंका ही सोने का था,बल इतना ज्यादा था कि मनुष्य,नाग, किन्नर, गंधर्व और देवता भी उसके वशवर्ती थे,वेद कंठस्थ थे यानी विद्वता भी बढ़ी चढ़ी थी परन्तु चारित्रिक दोष के कारण वह वनवासी राम एवं बन्दर भालुओं से पराजित हो गया, क्योंकि रामजी चरित्र बल में रावण से समृद्ध थे। अतः हमें हमेशा अपने चरित्र की रक्षा करने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए और बाकी सब सम्पदा अनायास मिल ही जाएंगे। सत्संग में संत विश्राम दास, राधेश्याम चौबे,बुच्चा यादव, विनोद श्रीवास्तव और राही जी ने भी कथा अमृत पान कराया।