जमानियां। छुट्टा पशुओं के चलते नगर में यातायात तो गांवों में खेती के संकट को देखते हुए शासन की ओर से पारित आदेश के बाद छुट्टा पशुओं को पकड़ने का कार्य तेजी से शुरु हुआ लेकिन कुछ दिनों बाद अब यह अभियान मानो ठप से पड़ गया है। अब भी बड़ी संख्या में छुट्टा पशु सड़क पर दिखाई दे रहे है।
खुले में छुट्टा घूम रहे आवारा पशु किसानों के साथ ही आम जनता के लिए समस्या बने हुए है। इस समस्या के निजाता के लिए मुख्यमंत्री ने ब्लाक स्तर पर गौशाला स्थापित करने का निर्देश दिया है। शासन से आए फरमान के बाद जिला प्रशासन हर ब्लकों में गौशाला खोल दी गयी और छुट्टा घूम रहे पशुओं को तहसील एवं नगर पालिका प्रशासन ने पकड कर रखा भी लेकिन आज भी बड़ी संख्या में पशु सडक, तहसील, कोतवाली आदि जगहो पर घूम रहे है। रविवार को स्थानीय तहसील के प्रांगण में दर्जनों की संख्या में भैंस एवं बकरी दिखाई दी रविवार छुट्टी होने के कारण अधिवक्ताओ की कुर्सी एवं मेज खाली थे, जिसके नीचे और ऊपर बकरिया घूमती नजर आई, तो कहीं आवारा कुत्तों का बसेरा था। इतना ही नहीं खतौनी कक्ष के पास दर्जनों की संख्या में भैंस चल रहे थे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पूरे तहसील में इन आवारा पशुओं का कब्जा हो गया है। नगर पालिका प्रशासन का दावा है कि पशुपालकों से पशुओं को सड़क पर छोड़ने के एवज में जुर्माना वसूला गया है लेकिन तहसील की तस्वीर कुछ और ही कह रही है। स्थानीय बाजार सड़क स्टेशन बाजार सड़क सहित राष्ट्रीय राजमार्ग कहीं भी छुट्टा आवारा पशु दिखाई दे देंगे। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि गौशाला बनाने के बाद भी इन पशुओं को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया। गोवंश प्रभारी विजय शंकर राय ने बताया कि तहसील एवं सड़क पर घूम रहे पशु आवारा नहीं है नगर के कुछ पशुपालकों द्वारा इन पशुओं को सड़क पर छोड़ दिया गया है । जिनसे पूर्व में जुर्माना वसूला गया था। अभी अधिसूचना के कारण कार्यवाही नहीं की जा रही थी लेकिन अब पुन: कार्रवाई शुरू की जाएगी।