बजट सत्र में रखें इनका भी ध्यान

बजट सत्र में रखें इनका भी ध्यान

ज़मानियां। स्टेशन बाजार स्थित हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बजट पूर्व परिचर्चा का आयोजन प्राचार्य कक्ष में किया गया। परिचर्चा में अपने विचार रखते हुए स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ. ओमप्रकाश लाल श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी देश का बजट सिर्फ़ उस देश के आगामी वित्तीय वर्ष के आय-व्यय का लेखा- जोखा ही नहीं होता वरन वह उस दर्पण के समान होता है जिसमें उस देश की सामाजिक एवं आर्थिक नीतियां प्रतिबिंबित होती है। आगामी बजट ऐसा होना चाहिए जिसमें समावेशी विकास की अवधारणा परिलक्षित होती हो। बजट में किसानों, गरीबों, मजदूरों, विद्यार्थियों, कर्मचारियों आदि सभी वर्ग के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। कर की दर ऐसी होनी चाहिए आय की प्राप्ति तो सरकार को हो लेकिन जनता पर उसका बोझ अधिक न पड़े। बजट अधिकतम सामाजिक लाभ के सिद्धांत से परिपूर्ण होना चाहिए। रोजगार सृजन के प्रति समर्पित बजट का मैं स्वागत करुंगा।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि मेरी दृष्टि में सरकार का ध्यान उच्च शिक्षा पर कोई खास नहीं है। उच्च शिक्षा के बजट को बढ़ाया जाए और रोजगार के नए अवसर सृजित किये जाए ताकि आम बजट का लाभ जनसाधारण को मिल सके। महाविद्यालय के बुद्धिजीवी शिक्षक डॉ. अरुण कुमार ने भारत सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हुए बजट में इस प्रावधान को लागू करने की अपील की।गणित विभाग के प्राध्यापक डॉ. कंचन कुमार राय ने सुझाव दिया कि सरकार को अपना बजट खर्च कम करना चाहिए। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने सरकार से अपने स्लोगन सबका साथ , सबका विकास को ध्यान में रखते हुए ऐसा बजट पेश करने की अपील की जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का भला हो सके, बेरोजगार को काम मिल सके औऱ आम आदमी के जीवन में खुशहाली आ सके। राजनीति शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन गोपाल सिन्हा ने अन्य शिक्षकों से कुछ हटकर अपने विचार रखे। डॉ. सिन्हा ने कहा कि सरकार को लोकलुभावन बजट से बचना चाहिए। सभी प्रकार की सब्सिडी को समाप्त करके प्रत्येक परिवार को प्रति माह दो हजार रुपए दिए जाएं।वृद्ध – विकलांग-विधवा इत्यादि को प्रत्येक माह उनकी स्थिति के अनुरूप अलग से पेंशन दी जाय। सभी विभागों में अवकाश-प्राप्ति की उम्र 58 वर्ष कर दी जाय और छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित वेतनमान को आज की तिथि से लागू कर के चार करोड़ नए पात्र लोगों को सरकारी क्षेत्र में नियुक्त किया जाय।बजट पूर्व परिचर्चा में डॉ. अंगद प्रसाद तिवारी, लेखाकार सत्य प्रकाश सिंह, डॉ. संजय सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, मुन्ना राम, कमलेश प्रसाद, इंद्रभान सिंह, रवि उद्यान, विरेंद्र कुमार राय राजभर आदि उपस्थित रहे।