जमानियां। उम्र के 49 बसंत देख चुके और अपने जीवन संघर्ष के पल-पल को याद रखने वाले महेन्द्र सिंह उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग में वार्ड ब्वाय पद पर स्थानीय नगर पालिका क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात है।
मूल रूप से डोडसर जनपद गाजीपुर के निवासी है महेन्द्र सिंह के पिता स्व बेचू सिंह का देहांत जब महेन्द्र चार वर्ष के थे 1974 में हो गया। वही माता स्व हंसरानी देवी का निधन भी 1980 में हो गया। जिसके बाद उनकी परवरिश उनके चाचा इन्द्रदेव सिंह ने की। हाईस्कूल पास कर महेन्द्र नौकरी की तलाश में जुट गये और पढ़ाई भी चलती रही। 11 दिसंबर 1993 में उनकी नौकरी स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वार्ड ब्वाय के रूप में लगी। जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर आ गयी। उनका विवाह नौकरी से पूर्व ही स्व बीना सिंह के साथ 23 मई 1986 को हुआ। जिससे दो पुत्र, एक पुत्री प्राप्त हुई। 2 अक्टूबर 2008 में एक सड़क हादसे उनकी पत्नी दूनियां से चली गयी। बच्चे छोटे थे और जिम्मेदारी बड़ी। जिसको महेन्द्र सिंह ने जिम्मेदारी को समझा और उसे बखूबी निभाया । उन्होंने अपने बच्चों को मां की कमी नही महसूस होने दी। उन्होंने बड़े पुत्र अंगद प्रताप सिंह को इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद आईटीआई कर दिल्ली के इन्द्रा गांधी एयरपोट में कार्यकत है। पुत्री पिंकी सिंह स्नातक की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद बीएड की पढ़ाई की और भर्ती के लिए तैयारी कर रही है। वर्ष 06 जून 2017 में उन्होंने अपनी पुत्री की शादी कर दी। सबसे छोटा पुत्र कृष्ण कान्त दिक्षित ने स्नातक की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद दिल्ली में रह कर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे है।