जमानिया। स्थानीय क्षेत्र के करैला गाँव स्थित लालदास बाबा की कुटिया पर आयोजित श्रीरामकथा में रामचरित मानस पाक्षिक सत्संग के अध्यक्ष संजयजी ने कथाअमृत पान कराते हुए कहा कि आज सम्पूर्ण राष्ट्र नट बन गया है।राष्ट्र में व्याप्त रिश्वतखोरी, काला बाजारी, गबन एवं तस्करी आदि दुष्कर्मों के पीछे हमारी प्रदर्शन की प्रवृत्ति ही है और तो और हम आत्मकल्याण के कार्यों को भी “अप-टू-डेट” बनाना चाहते हैं।
आज कीर्तन तथा कथा पुनीत साधन न रहकर, सुरीले और चुटीले स्वरों की प्रतियोगिता अथवा दंगल बनकर रह गये हैं। वास्तव में कथा में सत्य और सचरित्रता ,त्याग एवं सादगी की चर्चा और वक्ता तथा आयोजन में सुनाई एवं दिखाई भी देनी चाहिए। एहि महँ रघुपति नाम उदारा। अति पावन पुरान श्रुति सारा।कथा में कथावाचक में भी पावनता दिखनी चाहिए, तभी सुनने वाले के जीवन में भी त्याग, तपस्या और पावनता का समावेश होगा। अच्छे विचारों एवं व्यक्ति का संग करने वाले के अंदर भी अच्छाई आती है और बुरे के संग से बुराई। सत्संग में नगदू महाराज, संत बिश्रामदास और राधेश्याम चौबे ने भी कथाअमृत पान कराया। कथामंच का संचालन एवं आभार ज्ञापन नरसिंह यादव ने किया।