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देव दीपावली पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

ब्यूरो 27-11-2023

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गाजीपुर के जमानियां में देव दीपावली का पर्व रविवार को नगर सहित आसपास के ग्रामीण अंचलो में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। देव दीपावली पर्व पर देर शाम नगर स्थित जमदाग्नि-परशुराम गंगा घाट व चक्काबॉध गंगा घाट दीपकों से जगमगा उठा वही रंगोली प्रतियोगिता में बच्चीयों ने रंग-बिरंगे रंगों से रंगोली बनाकर घाट की शोभा बढ़ाई। जमदग्नि- परशुराम गंगा घाट पर 5100 दीपों के प्रकाश का अनुपम दृश्य ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानों स्वर्ग लोक पृथ्वी पर उतर आया हो। देव दीपावली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक ओमप्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह व समिति के लोगों ने माँ गंगा के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर 108 बत्तियों की विशाल ज्योत से गंगा आरती किया व प्रसाद का वितरण किया। मां गंगा उत्तरवाहिनी सेवा समिति समिति के अध्यक्ष कमलचंद बाबा जी द्वारा सम्मानित अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। महिलाओं, बच्चों तथा युवाओं ने गंगा घाट के प्रत्येक सीढ़ी को दीपकों से सजा दिया व विभिन्न प्रकार की दीपकों की रोशनी व बच्चीयों द्वारा रंग-बिरंगे उपकरणों से उकेरी गई रंगोली ने उकेर घाट पर अनुपम छठा विखेर दी। पर्व को यादगार बनाने के लिए युवाओं ने रंग बिरंगे पटाखे छोड़ा। पर्व पर सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। गंगा स्नान कर लोगों ने पुण्य लाभ अर्जित किये। पर्व पर मंदिरों व घरों को दीपक की आकर्षक रोशनी से सजा दिया गया था तथा देवी देवताओं की विधि विधान से पूजा अर्चना की। रंगोली प्रतियोगिता में 4 से 12 वर्ष आयु वर्ग में प्रथम स्वेता सिंह , द्वितीय आर्या वर्मा, तृतीय श्रेया वर्मा 13 से 20 आयु वर्ग में प्रथम अनिशा यादव, द्वितीय मुस्कान यादव, तृतीय सोनम कुमारी तथा 21 से 30 वर्ष आयु वर्ग में प्रथम अंकिता चौरसिया द्वितीय मोनू चौधरी, तृतीय प्रिया शर्मा  ने प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता में विजेताओं को मुख्य अतिथि मन्नू सिंह द्वारा अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और कहा कि युवा बुराई को त्याग कर अच्छाई के मार्ग पर चले तो उत्तम देश का निर्माण होगा। मां गंगा सत्ता में बैठे लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करें। जिससे देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा महंगाई से निजात मिल सके। गंगा घाट पर अधूरे पड़े कार्य को जल्द ही पूरा किया जायेगा। इस अवसर पर सत्य प्रकाश मौर्य, विकी चौरसिया, हर्ष जायसवाल, सोनू गुप्ता, गोपाल जायसवाल, वैंकटेश जायसवाल,गोलू तिवारी, अनिल यादव, विकास सिंह, प्रमोद यादव, दिलीप वर्मा, सतीश वर्मा, सोनू आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। बताया जाता है। की नगर कस्बा स्थित पक्का घाट पर देव दीपावली मनाया गया। इस दौरान रंगोली प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। नन्हे मुन्ने बालिकाओं ने आकर्षक रंगोली बनाकर निर्णायको को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद भी निर्णायकों ने कला कृति को देख प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान दिया। बताया जाता है। की कार्तिक पूर्णिमा का दिन कार्तिक माह का आखिरी दिन होता है. इसी दिन देशभर में देव दीपावली भी मनाई गई। बता दें कि देव दिवाली यानी देवता की दीपावली रविवार के दिन सुबह महिला श्रद्धालु गंगा स्नान करने के सिलसिला चलता रहा। और शाम को घाट पर दीपदान किया जाता है। बाबा कमल चंद्र जयसवाल ने बताया कि देव दिवाली का शिव जी से गहरा संबंध है। जमानियां पक्का घाट गंगा नदी के आस पास और मंदिर में दीयों की रोशनी से जगमग करते रहे। जमानियां पक्का घाट गंगा नदी के आस पास देव दिवाली की रौनक खास होती है। कमल चंद्र के अनुसार भगवान शिव बड़े पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया था। पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए तारकासुर के तीनों बेटे तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली ने प्रण लिया। और तीनों ने कठोर तप कर ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया और उनसे अमरत्व का वरदान मांगा लेकिन ब्रह्म देव ने उन्हें यह वरदान देने से इनकार कर दिया। और ब्रह्मा जी ने त्रिपुरासुर को वरदान दिया कि जब निर्मित तीन पुरियां जब अभिजित नक्षत्र में एक पंक्ति में में होगी और असंभव रथ पर सवार असंभव बाण से मारना चाहेंगे तब ही उनकी मृत्यु होगी। इसके बाद त्रिपुरासुर का आतंक बढ़ गया। इसके बाद स्वंय शंभू ने त्रिपुरासुर का संहार करने का संकल्प लिया। कमल चंद्र ने बताया कि पृथ्वी को ही भगवान ने रथ बनाया, सूर्य-चंद्रमा पहिए बन गए, सृष्टा सारथी बने, भगवान विष्णु बाण, वासुकी धनुष की डोर और मेरूपर्वत धनुष बने.  फिर भगवान शिव उस असंभव रथ पर सवार होकर असंभव धनुष पर बाण चढ़ा लिया त्रिपुरासुर पर आक्रमण कर दिया। त्रिपुरासुर का अंत हो गया। तभी से शिव को त्रिपुरारी भी कहा जाता है। और इसकी प्रसन्नता में सभी देवता भगवान शिव की नगरी काशी पहुंचे। फिर गंगा स्नान के बाद दीप दान कर खुशियां मनाई। और इसी दिन से पृथ्वी पर देव दिवाली मनाई जाती है।

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