गाजीपुर। जिला महिला अस्पताल का बुद्धवार को जिलाधिकारी एम.पी.सिंह ने निरीक्षण किया तथा वहाँ भर्ती नवजात कन्या के स्वाथ्य की जानकारी ली।
तत्पश्चात जिलाधिकारी ददरी घाट पहुचकर नवजात कन्या को बचाने वाले नाविक गुल्लू चौधरी से बच्ची कब और किस हालत में मिली की पूरी कहानी सुनी। गुल्लू चौधरी ने जिलाधिकारी को गंगा नदी में बच्ची के मिलने की पूरी घटना का आखों देखा हाल बताया और उसे नदी से निकालकर अपने घर लाने के बाद प्रशासन को सुचित किया। जिस पर जिलाधिकारी ने गुल्लू चौधरी के इस नेक कार्य के प्रति प्रशन्नता व्यक्त करते हुए उसके कार्य की सराहना कि तथा बताया कि इसकी सूचना मुख्यमंत्री को भी मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई जिसपर उन्होने ने भी प्रसन्नता व्यक्त की है तथा नवजात कन्या के लालन पालन, शैक्षिक,भविष्य का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी का निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने गुल्लू चौधरी से उसके जीविकापार्जन,आवास के सम्बन्ध में जानकारी ली।जिस पर गुल्लू चौधरी ने एक नाव की व्यवस्था तथा अपने घर से निकलने वाले रास्ते को सही कराने को कहा। जिसपर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित को रास्ते को सही कराने तथा एक नाव की उपलब्धता सुनिश्चत कराने का निर्देश दिया। मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के ददरी घाट का है। गाजीपुर के सदर कोतवाली क्षेत्र के ददरी घाट में एक मासूम बच्ची लावारिस हालत में गंगा नदी में बहते एक लकड़ी के बक्से में मिली. थी। जिसे ददरी घाट पर गंगा किनारे एक लकड़ी के बॉक्स से एक नाविक ने किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनने के उपरान्त नाविक ने पास जाकर देखा तो लकड़ी के बॉक्स के अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी, लोगों ने बॉक्स को खोला तो दंग रह गए। लकड़ी के बॉक्स में एक मासूम बच्ची रो रही थी. तथा बॉक्स में देवी-देवताओं के फोटो लगे थे और एक जन्मकुंडली भी थी, जो शायद बच्ची की हो। जन्मकुंडली में बच्ची का नाम गंगा लिखा है।