
गाजीपुर। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने सोमवार को विकास भवन सभागार में शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं और मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। 50 लाख रुपये से अधिक लागत के निर्माण कार्यों और क्रिटिकल गैप्स की मासिक समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों की विस्तृत जानकारी ली।
बैठक में जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के सीडी-1 और सीडी-3 के अधिशासी अभियंताओं के अनुपस्थित रहने पर कड़ी नाराजगी जताई और स्पष्टीकरण तलब करते हुए अग्रिम आदेश तक उनका वेतन रोकने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्धारित समय में कार्य पूरा न करने वाली कार्यदायी संस्थाओं को कड़ी फटकार लगाई और कार्यों में तेजी लाने तथा पूर्ण हो चुके कार्यों को तत्काल हैंडओवर करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण कार्यों को मानक और गुणवत्ता के अनुरूप कराने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने धनाभाव के कारण रुके हुए अधूरे कार्यों की जानकारी लेते हुए संबंधित विभागों को पत्राचार करने का भी निर्देश दिया। धनावंटन के बावजूद कार्यों में धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण और मानक के अनुसार निर्धारित समय के भीतर कार्य पूरा करने की अंतिम चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कार्यदायी संस्थाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर निर्माण कार्य पूरा नहीं करती हैं तो ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसके साथ ही, जिन विभागों को धनराशि आवंटित हो चुकी है और वे कार्यों में लापरवाही बरतेंगे, तो संबंधित अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य, परियोजना निदेशक राजेश यादव, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र सरोज, अर्थ एवं संख्याधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी और अन्य संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी की इस सख्ती से विकास कार्यों में तेजी आने और गुणवत्ता सुनिश्चित होने की उम्मीद जताई जा रही है।