नगर में गायत्री परिवार ने निकाली विराट कलश यात्रा, जिसमें सैकड़ों स्रद्धालुगण शामिल रहे

नगर में गायत्री परिवार ने निकाली विराट कलश यात्रा, जिसमें सैकड़ों स्रद्धालुगण शामिल रहे

गाजीपुर के जमानियां स्टेशन बाजार स्थित 24 कुंडीय यज्ञ के प्रथम दिन सैकड़ो पीतवस्त्र धारी महिलाओं ने निकाली विराट कलश यात्रा। नव वर्ष का आगाज गायत्री परिवार के विशाल कलश यात्रा के साथ अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में चल रहे 02 जनवरी से 05 जनवरी तक स्टेशन बाजार के सिंह पैलेस डिग्री नहर के पास 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के प्रथम दिवस आज सैकड़ो पीतवस्त्र धारी महिलाओं ने सिर पर कलश रख नगर में भ्रमण किया। शांतिकुंज हरिद्वार से आई हुई विशेष टोली ने सर्वप्रथम यज्ञ स्थल पर पीत वस्त्र धारी महिलाओं को वैदिक मंत्रों से अभिसिंचित कर वैदिक मंत्रोचार के बीच बड़े ही अनुशासन पूर्वक कलश यात्रा को रवाना किया, कलश यात्रा पूर्ण अनुशासन में कतारबद्ध होकर यज्ञ स्थल से चलकर गल्ला मंडी गांधी चौक सब्जी मंडी राजकीय बस स्टैंड के रास्ते संतोषी माता मंदिर मार्ग होते हुए जल भरन हेतु चक्का बंध गंगा घाट पहुंची। जल भरन के बाद सैकड़ो महिलाओं ने गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए  वापस यज्ञ स्थल पहुंची। गायत्री परिवार के यह मनोहर एवं अनुपम विराट शोभायात्रा को देखने के लिए आम जनमानस उमड पड़ा था ।अपने-अपने छतों से, गली से भारी भीड़ के द्वारा इस विराट कलश यात्रा पर पुष्प वर्षा कर लोग स्वागत करते रहे। विराट कलश यात्रा की विशेषता यह थी कि इसमें अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा लिखित सद्दग्रंथो को भी नगर में कलश यात्रा के साथ घुमाया गया। जिसका उद्देश्य यह था की गुरुदेव द्वारा लिखी गई इन सद्दग्रंथो को आम जनमानस भी आत्मसात करके अपना आत्म कल्याण एवं समाज कल्याण कर सके। कलश यात्रा के दौरान गगन भेदी नारों – – हम बदलेंगे युग- बदलेगा, हम सुधरेंगे- युग सुधरेगा ,ज्ञान यज्ञ की लाल मसाला – सदा जलेगी सदा जलेगी, पीटती पत्नी ,बिकते जेवर- बदल शराबी अपने तेवर जैसे गगन भेदी नारों से पूरा जमानियां नगर की गलियां गूंज उठी। कलश यात्रा को संबोधित करते हुए शांतिकुंज केंद्रीय टोली के प्रतिनिधि ने कहा कि “कलश में 33 कोटि के देवताओं का वास होता है । सिर पर कलश धारण करने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं और वह व्यक्ति महान पुण्य का भागी होता है। घर से दोष दुर्गुण मिट जाते हैं, नगर भ्रमण के बाद कलश यात्रा वापस यज्ञ स्थल पर पहुंची जहां यज्ञ प्रायोजक अंशुमान जायसवाल ,दीनानाथ शर्मा जयशंकर श्रीवास्तव , एवम् क्षितिज श्रीवास्तव ने पुष्प एवं जल वर्षा कर उनका स्वागत और अभिनंदन किया। तत्तपश्चात सभी श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद देकर विदाई किया गया एवं शाम के संगीत में प्रवचन के लिए आवाहन किया गया। इस क्रम में यज्ञ के दूसरे दिन कल 3 जनवरी को प्रातः 7:00 बजे से योग ज्ञान एवं प्राणायाम तथा पुनः प्रातः 9:00 बजे से 12:00 बजे तक यज्ञ होगा ।इस दौरान निशुल्क विविध संस्कार भी संपन्न कराए जाएंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त गायत्री परिजनों का योगदान रहा।