गहमर। ग़ाज़ीपुर जिले के गांव गोड़सरा निवासी शहाबुद्दीन खां ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार और जिले का नाम रौशन किया है। शहाबुद्दीन खां के सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर परिजनों व गांव के लोगों ने खुशी जताई है।
शहाबुद्दीन खां के दादा स्व. अलियार खां रेलवे में थे और पिता एजाज अहमद खां सेना के ‘जेसीओ’ पद से रिटायर्ड हैं और अब अपने बेटे के सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर गौरव महसूस कर रहे हैं। शहाबुद्दीन खां की सफलता पर उनके पैतृक गांव गोड़सरा और दिलदारनगर, खजूरी मोड़ स्थित अस्थायी मकान में भी खुशी का माहौल है। रिटायर्ड फौजी पिता का कहना है कि देश और समाज सेवा का जज्बा मेरे बच्चे में बचपन से ही था। शहाबुद्दीन खां ने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई दिलदारनगर स्तिथ ‘एसकेबीएम’ इंटर कॉलेज से पूरा किया। इसके बाद वो अपने कड़ी मेहनत के बदौलत सेना में भर्ती हुए। सेना में भर्ती होने के तत्पश्चात उन्होंने सर्विस एंट्री ‘पीसीएसएल’ के अंतर्गत ‘यूपीएससी’ की परीक्षा पास कर सेना में कमीशन लेफ्टिनेंट बने है। सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित हुए, सभी 387 अधिकारीयों को देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकादमी में मेजर जनरल आलोक जोशी और राष्ट्रपति के हाथों शनिवार को शपत दिलाई गई।
उसके बाद शहाबुद्दीन खां को लेफ्टिनेंट के पद पर पहली पोस्टिंग असम राज्य के डिब्रूगढ़ में दे दी गई है। गौरतलब हो कि गोड़सरा एक शिक्षित गांव है, यहां के ज्येदातर लोग रेलवे और सेना में है। रेलवे में सबसे आला दर्जे के पोस्ट पर खान बहादुर मंसूर अली और सेना में भू-बैज्ञानिक अहतेसाम खां के बड़े बेटे इफ्तिखार खां कर्नल रहे है। शहाबुद्दीन खां के लेफ्टिनेंट बनने पर बदरुद्दीन मेमोरियल फाउंडेशन, गोड़सरा के प्रबंध निदेशक मुहम्मद शहाबुद्दीन उर्फ शहाब खां, ग्राम प्रधान अब्दुल कलाम खां, ससुर अतीक अहमद खां, अबरार खां, गुलाम मजहर खां, मास्टर अबूजर खां, चेयरमैन अविनाश जायसवाल, नौशाद खां, तौक़ीर खां, जफर खां, साजिद उर्फ सज्जन खां, प्रोफेसर बदरुद्दीन खां, हेशामुद्दीन खां, जितेंद्र राम सहित सभी स्वजनों व ग्रामीणों ने बधाई दी है।