ब्लाक आवास को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्यकर्मी व ब्लाककर्मी हुए आमने-सामने

ब्लाक आवास को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्यकर्मी व ब्लाककर्मी हुए आमने-सामने

जमानियां। स्थानीय विकास खंड स्थित सरकारी आवास में अतिक्रमण कर अवैध ढंग से निवास कर रह रहे दो स्वास्थ्य कर्मियों को बाहर निकालने के लिए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व ब्लाक के अधिकारी व कर्मचारी आमने सामने आ गये और मामला कोतवाली पहुंच गया तथा उपजिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद तीन दिन में आवास खाली कराने की मोहलत देने के बाद मामला शांत हुआ।

खंड विकास अधिकारी के निर्देश पर महिला सफाईकर्मीयों ने ब्लाक आवास में अवैध रूप से अतिक्रमण कर निवास कर रहे दो स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार को बाहर निकाल कर ताला जड़ दिया तथा आवास की चाभी विकास खंड में जमा कर दिया। परिजनों ने यह वाकया स्वास्थ्य कर्मियों को बताई तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी के साथ प्रभारी चिकित्सक डॉ रूद्रकांत सिंह कोतवाली पहुंचे तथा ब्लाककर्मीयों द्वारा महिला स्वास्थ्य कर्मी एवं उसके परिवार के साथ अभद्रता करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने लगे। पुलिस ने पूरे मामले की जॉच किया तब पता चला कि उच्च न्यायालय के आदेश पर आवास खाली कराया गया है तो पुलिस ने चुप्पी साध ली। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारीयों ने उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह से न्याय की गुहार लगाई तो उन्होंने मामले की जॉच कर स्वास्थ्य कर्मियों को आवास खाली करने का निर्देश दिया। पीएचसी चिकित्साधिकारी डॉ रूद्रकांत सिंह के आग्रह पर उपजिलाधिकारी ने स्वास्थ्य कर्मियों को तीन दिन की मोहलत दी और 27 तारीख को हर हाल में आवास खाली करने का निर्देश दिया। तब मामला शांत हुआ। खण्ड विकास अधिकारी हरिनरायण ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर आवास को खाली कराया गया था। स्वास्थ्य कर्मियों को कई बार नोटिस भेजी गयी लेकिन आवास खाली नहीं हुआ। जिस कारण आवास में ताला लगवाया गया। इस दौरान वीडियोग्राफी भी की गई है ताकि किसी भी प्रकार का मिथ्या आरोप न लगाया जा सकें। स्वास्थ्य कर्मियों ने तीन दिन में आवास खाली करने की मोहलत मांगी गई है। जिस पर तीन दिन का मोहलत दिया गया है। अन्यथा की स्थिति में आवास खाली करा दिया जायेगा। वही पीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ रुद्रकान्त सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी के साथ अभद्रता हुई है जो गलत है। ऐसे अचानक आवास खाली कराया जाना उचित नहीं है।