गाजीपुर। उ0प्र0 सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना व अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी तथा मुख्य सचिव अवस्थापना औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार ने शनिवार को कासिमाबाद में पहुचकर पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे के पैकेज 08 का निरीक्षण व निर्माण कार्यो की समीक्षा की।
उन्होने समीक्षा बैठक के दौरान समस्त कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माणाधीन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के अवशेष कार्यों को पूर्ण करने के लिये और तेजी लाये तथा निर्देशित किया कि पैकेज-8 का कार्य पूर्ण किये जायें। समीक्षा बैठक के पूर्व उन्होने पौधरोपरण का कार्य किया। तत्पश्चात मंत्री औद्योगिक विकास, उ0प्र0 सरकार, अपने सम्बोधन में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे का बहुत सारे निर्धारित कार्य पहले ही समाप्त हो गये है और लखनऊ से गाजीपुर तक जितने भी छोटे-छोटे कार्य अभी पूर्ण नही हुए है उन्हे माह जुलाई, 2021 तक पूर्ण करते हुए समाप्त कर दिये जायेगे। यह रोड पूर्वाचल के लिए लाईफलाईन साबित होगी। उन्होने कहा कि बहुत सारे योजनाये जो जमीन के उपर तो बन जाती है, परन्तु पूरी नही होती लेकिन प्रधानमंत्री ने इस योजना का शिलान्यास किया तथा मुख्यमंत्री ने इस योजना का निर्माण हेतु तेजी दिखायी। उन्होने कहा कि जल्द ही पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण कर जनता को समर्पित कर दिया जायेगा। जिससे पूर्वाचल के लोगो को कम समय लखनऊ से गाजीपुर का सफर तय करेगे और पूर्वाचल के पिछड़े क्षेत्रों में अर्थ व्यवस्था में सुधार होगा।
समीक्षा के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिये राज्य सरकार के द्वारा सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, अमेठी और अयोध्या के अतिरिक्त आर्थिक रुप से कम विकसित जनपदों आजमगढ, मऊ और गाजीपुर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने के लिये पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ – सुल्तानपुर रोड (एन.एच.-731 ) पर स्थित ग्राम चौदसराय, जनपद लखनऊ से प्रारम्भ होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी 0 पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग सं0-31 पर स्थित ग्राम हैदरिया पर समाप्त होगा। एक्सप्रेसवे की लम्बाई 340,824 किमी0 है। इस परियोजना से जनपद लखनऊ बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर लाभान्वित होंगे। एक्सप्रेसवे 06 लेन चौड़ा (08 लेन में विस्तारणीय ) तथा संरचनाएं 08 लेन चौड़ाई की निर्माणधीन हैं। एक्सप्रेसवे के एक और 3.75 मी0 चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जायेगी जिससे परियोजना के आस – पास के गांव के निवासियों को एक्सप्रेसवे द्वारा सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो। इस एक्सप्रेसवे के अन्तर्गत (मेन कैरिजवे पर ) कुल 18 फ्लाई ओवर, 07 रेलवे ओवर ब्रिज, 07 दीर्घ सेतु, 118 लघु सेतु, 13 इन्टरचेन्ज (06 टोल प्लाजा सहित), 05 रैम्प प्लाजा, 271 अन्डरपास तथा 503 पुलियों का निर्माण कार्य प्रगति में है। एक्सप्रेसवे पर आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लडाकू विमानों के लैण्डिग/ टेक ऑफ के लिये जनपद सुल्तानपुर में 3.2 किमी लम्बी हवाईपट्टी का निर्माण भी प्रस्तावित है। परियोजना की कुल अनुमानित लागत रु0- 22494.66 करोड़ तथा सिविल निर्माण की अनुबन्धित लागत रु0-11216.10 करोड है। निर्माण हेतु पूर्वान्चल एक्सप्रेसवे को कुल 8 पैकेजों में विभक्त किया गया है। जिन पर कार्य तेजी से प्रगति पर है। 03.06.2021 तक क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग का कार्य 100 प्रतिशत , मिट्टी का कार्य 99.75 प्रतिशत, सबग्रेड का कार्य 99.05 प्रतिशत, जी0एस0बी0 का कार्य 98.70 प्रतिशत, डब्लू०एम०एम० का कार्य 97.30 प्रतिशत, डी0बी0एम0 का कार्य 95.60 प्रतिशत, बी0सी0 का कार्य 72 प्रतिशत एवं संरचनाओं का कार्य 99.20 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। परियोजना की कुल भौतिक प्रगति लगभग 95 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो चुकी है। परियोजना से लाभ एक्सप्रेसवे के निर्माण से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र प्रदेश की राजधानी एवं आगरा – लखनऊ एक्सप्रेसवे व यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से त्वरित एवं सुगम यातायात के कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण से संपूर्ण प्रदेश का सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। परियोजना से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा, एक्सप्रेसवे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को प्रदेश की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे। एक्सप्रेस-वे हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भण्डारण ग्रह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण से परियोजना आच्छादित क्षेत्रों में पर्यटन के विकास को बल मिलेगा एवं विकास से उपेक्षित प्रदेश के इन पूर्वी क्षेत्रों का सर्वांगीण एवं चहुंमुखी विकास संभव हो सकेगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी एम.पी.सिंह पुलिस अधीक्षक डा0 ओम प्रकाश सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर यू पी डा, अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।