जमानियाँ। क्षेत्र के दरौली-फुफुऑव-देवैथा सम्पर्क मार्ग अपने दशा पर आँसू बहा रहा है। पाँच किलोंमीटर लम्बा यह सम्पर्क मार्ग पिछले कई महीनों से बदहाल है। इस सड़क पर पिच कम गढ्ढे ज्यादा दिखाई दे रहे है। घुटने भर हो चुके बड़े-बड़े गढ्ढे हादसे को आमंत्रित कर रहे है।
इस सम्पर्क मार्ग की दूरी कम होने से क्षेत्र के लोगों के लिए आवागमन करने में ज्यादा सुगमता रहता है लेकिन इस मार्ग के जर्जर हो जाने से लोगों को देवैथा जाने के लिए ज्यादा दूरी तय करनी पड़ रही है। यह सम्पर्क मार्ग धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खो रहा है।
बड़े-बड़े गढ्ढे हो जाने के कारण हल्की बारिश में इस सड़क पर पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। इस मार्ग से तियरी, नेवादा, खडैचा सम्पर्क मार्ग भी जुड़ा है। यह सम्पर्क मार्ग कई गाँवों में जाने का सबसे आसान व सुगम मार्गो में सुमार है क्योकि यह रास्ता कम समय में अपने गंतव्य तक पहुॅचाने में मदद करता है। कम दूरी वाला रास्ता अत्यधिक खराब हो जाने के कारण राहगीरो को ज्यादा दूरी तय करना पड़ रहा है। जो ब्यक्ति इस रास्ते पर आ जाता है उसको काफी जलालत झेलना पड़ता है। अति महत्वपूर्ण मार्ग होने के बाद भी यह सड़क अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता से बाहर है। कई बार क्षेत्रीय लोग ने जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारीयों तक गुहार लगाई लेकिन किसी के कान पर जू तक नहीं रेगा। देवैथा पूर्व प्रधान जमालुद्दीन, सोहराब खान, रवि यादव, हवलदार यादव, अकराम खान , भूनेशवर, मेराज खान, माजिद, अबू बकर ने बताया कि कम दूरी का रास्ता होने के कारण लोग ज्यादा आवागमन करते है। लेकिन यह सड़क ज्यादा दिनों से उपेक्षा का शिकार बना हुआ है तथा बड़े-बड़े गढ्ढों में तब्दील हो गया है। इस सड़क पर कई हादसे भी चुके है। कई बार अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों को सड़क की दुर्दशा के बारे में जानकारी दी गई लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।