गाजीपुर। जिले में रहने वाले धीरज सिंह को लोग स्नैक मास्टर के नाम से भी जानते हैं। उनकी इस प्रसिद्धि के पीछे लंबे वक्त की मेहनत है। पूरे क्षेत्र में कहीं भी अगर सांप के निकलने की घटना सामने आती है तो लोग धीरज बाबा को ही याद करते हैं।
हिंदू समाज में नागपंचमी का त्योहार पर्वो का आगाज माना जाता है। इस त्योहार पर नागों की पूजा की प्राचीनकाल से ही परंपरा रही है लेकिन वहीं सांप अगर आम इंसान के सामने आ जाए तो अच्छे अच्छों का सांस अटक जाती है। गाजीपुर का एक युवक ऐसे ही जहरीले सांपों के साथ खेलने का शौक रखता है। यह शख्स है उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के करंडा ब्लॉक के मानिकपुर गांव के रहने वाले धीरज सिंह। धीरज को सांप पकड़ने के लिए किसी लाठी या डंडे की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि वह सांप को जमीन से ऐसे उठा लेते हैं जैसे कोई रस्सी पड़ी हो।
आवासीय इलाके में मिलने वाले सांपों को पकड़कर उन्होंने जंगल में छोड़ देना धीरज सिंह का शौक है। इसलिए पूरे क्षेत्र के लोग धीरज सिंह को स्नैक मास्टर या धीरज बाबा के नाम से जानते हैं। धीरज सिंह के पिता यशवंत सिंह इंटर कॉलेज करंडा में जीव विज्ञान के प्रवक्ता रहे। पिता से मिली जानकारी के बाद धीरज सांपों को लेकर पूरी तरह से निडर हो गए। शुरुआत में एक-दो बार सांप ने उन्हें काट लिया था। लेकिन उन्होंने सांप के साथ खेलने का शौक नहीं छोड़ा और आज उन्हें इसी काम को करते हुए 18 साल हो गए।
सूचना मिलते हैं निकल जाते हैं धीरज-
धीरज की सांपों के प्रति लगन इतनी गजब है कि उन्हें पूरे क्षेत्र में से खबर मिलती है कि कहीं भी सांप निकला है तो वह तुरंत बाइक उठाकर चले जाते हैं. सांप पकड़ने के बाद वह सुरक्षित उसे जंगल में छोड़ देते हैं. सांपों को पकड़ने का शौक रखने वाले धीरज बाबा बिजली विभाग में एसएसओ के पद पर कार्यरत हैं। सांप अगर धीरज को देखकर फन उठाए और डसने की कोशिश करे तो धीरज एक थप्पड़ से उसे यूं ही काबू कर लेते हैं।
परिजन करते थे मना-
धीरज सिंह बताते हैं कि जब शुरुआत में उन्होंने इस काम को करना शुरू किया था तो उनके परिजन उन्हें इस काम को करने से मना करते थे। लेकिन, बाद में धीरे-धीरे उनका भी डर खत्म हो गया। धीरज बताते हैं कि बारिश के मौसम में सांपों के बाहर निकलने की घटनाएं बढ़ जाती हैं ऐसे में वह पूरे क्षेत्र में जा जाकर लोगों की मदद करते हैं। सांप पकड़ने के दौरान धीरज किसी भी सांप को आसानी से काबू में कर लेते हैं। उनका थप्पड़ पड़ते ही सांप काबू में आ जाते हैं जिसके बाद उसे बोरे में भरकर धीरज उसे सुनसान जगह पर छोड़ आते हैं।