
जमानियां। उपजिलाधिकारी ज्योति चौरसिया की तत्परता से बुधवार शाम मंडी शुल्क चोरी का एक बड़ा प्रयास विफल हो गया। एसडीएम ने लगभग 7 बजे बरुईन मोड़ पर बिहार की ओर जा रहे गेहूं से लदे एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोककर जांच की, जिसमें मंडी शुल्क जमा न करने की बात सामने आई।
एसडीएम चौरसिया ने तत्काल बरुईन चौकी प्रभारी को मौके पर बुलाकर ट्रैक्टर-ट्रॉली को उनके सुपुर्द कर दिया। साथ ही, मंडी सचिव को भी सूचित कर आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह गेहूं बिना मंडी शुल्क चुकाए बिहार ले जाया जा रहा था। इस कार्रवाई से क्षेत्र के अवैध गेहूं कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार, यह गेहूं सरकारी खरीद प्रक्रिया से बाहर खरीदा गया था और गैरकानूनी रूप से बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। इस संबंध में एसडीएम ज्योति चौरसिया ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ विभागीय अधिकारी और कर्मचारी किसानों से उनके घर-घर जाकर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ बिचौलिए किसानों से अवैध रूप से गेहूं खरीदकर निजी लाभ के लिए बाहर भेज रहे हैं, जो पूरी तरह से गैरकानूनी और निंदनीय है। विपणन निरीक्षक आशुतोष चौरसिया ने किसानों से अपील की है कि वे अपना गेहूं सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राजकीय गेहूं क्रय केंद्रों या मोबाइल क्रय वाहनों के माध्यम से ही बेचें। उन्होंने बताया कि सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के लिए बैठने, साफ-सफाई और पीने के पानी की उचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यदि कोई किसान केंद्र पर नहीं आ सकता है, तो विभागीय टीम उसके घर पर पहुंचकर गेहूं खरीदेगी।