
गाजीपुर। जनपद गाजीपुर में कृषि लागत को कम करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की जा रही है। जिले के 09 विकासखण्डों में 2500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कमेटी की बैठक में सहमति प्रदान की गई।
यह महत्वाकांक्षी योजना जनपद में पहली बार संचालित की जा रही है। इसके तहत प्राकृतिक खेती करने वाले इच्छुक किसानों को प्रति एकड़ 4000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किए जाएंगे। इस योजना का मुख्य लक्ष्य किसानों को रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर रसायनमुक्त खाद के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना है।
भारत सरकार द्वारा कृषि की बढ़ती लागत और पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस विधि से न केवल रसायन रहित गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का उत्पादन संभव होगा, बल्कि किसानों की लागत में भी कमी आएगी और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। इस योजना के अंतर्गत सभी आवश्यक कृषि निवेश किसानों के खेतों पर ही उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसमें जीवामृत, बीजामृत, दशपर्णी अर्क, घनजीवामृत और नीमास्त्र जैसे जैविक खाद और कीटनाशक शामिल हैं। इसके माध्यम से पशुओं के पोषण और सुरक्षा तंत्र को भी विकसित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों की कृषि सखियों का चयन किया गया है। ये कृषि सखियां किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी। इसके लिए 100 कृषि सखियों को कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इस योजना में प्रारंभिक तौर पर 6250 इच्छुक और उत्साहित किसानों को शामिल किया जाएगा। प्राकृतिक खेती में ग्राम संगठन और एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को भी शामिल किया जाएगा। एफपीओ के माध्यम से किसानों के उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार भी विकसित किया जाएगा। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गांवों में किसानों के साथ बैठकें आयोजित कर उन्हें प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में जागरूक किया जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. जे.पी. सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी श्री राघवेन्द्र नाथ पाण्डेय आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस पहल से गाजीपुर के कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।