
गाजीपुर। गाजीपुर पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां गहमर थाने की टीम ने बिहार के भभुआ जिले में बिना अनुमति के एक दुकानदार को फिल्मी स्टाइल में उठाया। इस “अपहरणनुमा कार्रवाई” का खुलासा होने के बाद, गाजीपुर के पुलिस कप्तान डॉ. ईरज राजा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गहमर थाना प्रभारी अशेषनाथ सिंह समेत चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना दिलदारनगर गाजीपुर से संबंधित है, जहां का एक युवक पिछले तीन साल से बिहार के भभुआ जिले के रामगढ़ बाजार में सूर्य सरोवर के पास किराए के मकान में दुकान चला रहा था। 19 मई की शाम जब वह पोखरे के किनारे टहल रहा था, तभी सादे वर्दी में आए गहमर थाने के पुलिसकर्मियों ने बातचीत के बहाने उसे बीआरसी की दीवार के पास बुलाया। इसके बाद, उसे पहले से खड़ी एक सफेद गाड़ी में जबरन ठूंसकर फरार हो गए।
अपहरण की खबर और बिहार पुलिस की कार्रवाई
कुछ ही देर में इलाके में युवक के अपहरण की खबर आग की तरह फैल गई। सूचना मिलते ही रामगढ़ थाने की पुलिस हरकत में आई और तुरंत सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज से पूरी सच्चाई सामने आ गई कि यह पुलिसकर्मी गाजीपुर के गहमर थाने के थे।
बिना इजाजत दूसरे राज्य में कार्रवाई पर SP हैरान
बिहार पुलिस ने जब गाजीपुर के एसपी डॉ. ईरज राजा से संपर्क किया तो वे भी हैरान रह गए। उन्होंने तत्काल गहमर थाना प्रभारी से जवाब-तलब किया। थाना प्रभारी ने सफाई देते हुए कहा कि दुकानदार हेरोइन तस्कर है। हालांकि, जब एसपी ने बिना अनुमति बिहार की सीमा में घुसने और पकड़ने के बाद छोड़ने का कारण पूछा, तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
एसपी का सख्त फैसला
जांच में गहमर थाना प्रभारी और चार सिपाहियों—मनोज दूबे, प्रमोद कुमार, शिवकुमार पाल और अमरजीत पाल—की भूमिका संदिग्ध पाई गई। यह स्पष्ट हो गया कि उन्होंने नियमों की धज्जियां उड़ाईं और बिना अनुमति दूसरे राज्य में घुसकर कार्रवाई की, जिसे एक गंभीर उल्लंघन माना गया। इसके बाद, एसपी डॉ. ईरज राजा ने कड़ा एक्शन लेते हुए सभी पांचों को निलंबित कर दिया और गहमर थाने की कमान भुड़कुड़ा थानाध्यक्ष शैलेश मिश्रा को सौंप दी। गहमर थाना पुलिस की इस मनमानी ने न सिर्फ यूपी पुलिस की छवि को धूमिल किया है, बल्कि कानून की सरेआम धज्जियां भी उड़ाई हैं। इस घटना के बाद, पुलिस महकमे में जवाबदेही तय की गई है।