
गाजीपुर। अपनों के कटु वचन जब जानलेवा बन जाएं, तो रूह कांप उठती है। गाजीपुर में एक ऐसा ही हृदयविदारक मामला सामने आया है, जहां पत्नी और सास की लगातार मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर एक 42 वर्षीय व्यक्ति ने मौत को गले लगा लिया। इस सनसनीखेज घटना में त्वरित कार्रवाई करते हुए कोतवाली पुलिस ने मृतक की पत्नी और सास दोनों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे धकेल दिया है।
यह दुखद घटना सीतापुर के डीहपुरवा गांव से जुड़ी है। मृतक कोविद के पिता चंद्रिका प्रसाद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि शादी के बाद से ही उनके बेटे को उसकी पत्नी लक्ष्मी कुशवाहा और सास राजमती रानी लगातार अपमानित करती थीं और पैसों की मांग करती थीं। आरोप है कि दोनों महिलाएं कोविद को ताने देती थीं और कहती थीं, “जब हमारी बात नहीं मान रहे, तो मर ही क्यों नहीं जाते? तुम्हारे मरने से हमें नौकरी मिल जाएगी!” इन ज़हरीले शब्दों ने कोविद के मन पर गहरा आघात किया। आखिरकार, उसने गाजीपुर के अंधऊ क्षेत्र में एक जामुन के पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस मामले में थाना कोतवाली में मुकदमा संख्या 342/2025, धारा 108 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और मृतक की पत्नी लक्ष्मी कुशवाहा (22 वर्ष) और सास राजमती रानी (40 वर्ष), निवासी काशीराम गरीब शहरी आवास, आदर्श बाजार, थाना कोतवाली को लार्ड कार्नवालिस पार्क क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। इस संवेदनशील मामले को अंजाम तक पहुंचाने में प्रभारी निरीक्षक दीन दयाल पाण्डेय, उप निरीक्षक शिवमणि त्रिपाठी व लक्ष्मण यादव, महिला कांस्टेबल चंदना तिवारी, ज्योति साहू और माधुरी वर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस ने इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश दिया है कि जो भी ज़बान ज़हर उगलेगा, उसे कानून का सामना करना पड़ेगा और जिस घर में किसी इंसान को मरने के लिए मजबूर किया जाएगा, वहां इंसाफ ज़रूर होगा।