आठवें दिन जारी रहा धरना

आठवें दिन जारी रहा धरना

गहमर(गाजीपुर)। पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर- पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड के गहमर रेलवे स्टेशन पर कोविड काल से ही बंद फरक्का एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, कामाख्या भगत की कोठी एवं जय नगर गरीब रथ एक्सप्रेस का ठहराव विगत नवंबर से ट्रेनों का स्पेशल स्टेटस समाप्त किये जाने के बाद भी बहाल नहीं किये जाने से आक्रोशित भूतपूर्व सैनिक संगठन गहमर, रेल पुनः ठहराव समिति,व्यापार मंडल एवं क्षेत्रवासियों द्वारा विगत 4 जनवरी से चल रहे अनिश्चतकालीन आन्दोलन आज आठवें दिन भी पूरी मजबूती से जारी रहा।

अब धरने को मजबूती प्रदान करने के लिए पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल होना शुरू कर दीं। उक्त अवसर पर गांव की महिला सुनैना देवी ने कहा की रेल प्रशासन को पूरी तरह से ये पता है कि गहमर तथा आसपास के गांव के लोगो को इस स्टेशन से ट्रेनों का स्टापेज खत्म कर देने से भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, जिसे लेकर विगत आठ दिन से लोग दिन रात इस भीषण सर्दी व बरसात में अपना जान जोखिम में डाल बैठे हुए हैं,मगर अफसोस कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी ना जाने किस दबाव में रेल प्रशासन बहरा और गूंगा बन अब तक एक बार भी आने की जहमत नहीं उठा रहा है।मैं रेलवे के अधिकारियों को चेता रही हूं कि हम अपने अधिकार की रक्षा बखूबी जानते हैं।रेल प्रशासन हम लोगो के धैर्य की परीक्षा बंद करे।वर्ना हम कठोर निर्णय लेना भी जानते हैं। भूतपूर्व सैनिक एवं समाजसेवी श्री महेंद्र प्रताप ने कहा कि गहमर स्टेशन पर उक्त ट्रेनों का ठहराव अब भी बहाल ना होने से क्षेत्र के सैनिको के साथ गहमर सहित अगल बगल के गांवों के किसानों, व्यापारियों, मजदूरों और समाज के विभिन्न वर्ग के लोगो में रेलवे प्रसाशन एवं भारत सरकार के रेलमंत्री के खिलाफ घोर रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि बीते जुलाई के महीने में सक्षम रेल अधिकारियों तक ने उक्त ट्रेनों के गहमर स्टेशन पर 1महीने के अंदर ठहराव देने को लेकर लिखित आश्वासन तक दिया था, लेकिन आश्वासन के बावजूद 6 माह बीत जाने के बाद भी हमें ट्रेनों का ठहराव अभी तक नहीं मिला है, जो कि रेलवे के सक्षम अधिकारियों की गहमर क्षेत्र के लोगो के साथ वायदाखिलाफी है, जिससे क्षुब्ध होकर गहमर क्षेत्र के सैनिक और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग अपनी मांगों को रेलवे प्रसाशन से मनवाने के लिये अनिश्चित कालीन धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना ही पड़ा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक हमारी ट्रेनों का ठहराव गहमर स्टेशन पर बहाल नहीं होगा तब तक रेलवे के खिलाफ अनशन लगातार जारी रहेगा।इस आंदोलन कि आगे की रणनीति समय और परिस्थितियां तय करेगी कि आंदोलनकारी आगे क्या कार्यवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम लोग रेल प्रशासन से गांधीवादी तरीके से ही लड़ेंगे पर जरूरत महसूस होगी तो हम भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद सरीखे लोगो के तरीके को भी अपनाएंगे और इस आंदोलन को और धारदार बनाएंगे। इसी क्रम में लगभग 80 युवाओं की टीम ने दो दो कि जोड़ी में पूरे गांव तथा आस पास के क्षेत्र में मोटरसाइकिल से भ्रमण कर जन सम्पर्क कर रहे हैं और आंदोलन स्थल पहुंचने के लिए लोगो से आह्वान कर रहे हैं।

इस अवसर पर भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह, महामंत्री शिवानंद सिंह, सदस्य चंदन सिंह, कुणाल सिंह, प्रमोद सिंह, रेल पुन: ठहराव समिति के संयोजक हृदय नारायण सिंह,सुनैना देवी,आशा देवी,अनिता मौर्या, सुधीर सिंह, हेराम सिंह,पूर्व सैनिक ओम प्रकाश सिंह,आनंद मोहन सिंह,पूर्व प्रधान दुर्गा चौरसिया,आदर्श सिंह सिकरवार,गिरधारी गुप्ता,कामदेव सिंह,महेंद्र प्रताप हिन्दू, किसान मोर्चा के अध्यक्ष अमित सिंह, अजीत सिंह इत्यादि मौजूद रहे।