गाजीपुर। भारत वर्ष में लाखों युवक-युवतियाँ रोजगार की तलाश में शहर की तरफ जाते हैं। इसमे संगठित एवं असंगठित दोनों क्षेत्रों के बेरोजगार लोग होते हैं।
इतनी बड़ी संख्या में लोगो को सरकारी या प्राइवेट नौकरी दे पाना संभव नहीं हो सकता हैं जिससे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन
करने वाले लोग रोजगार के अभाव में हीन भावना से ग्रसित रहते हैं जिससे इन्हे स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना नितांत ही आवश्यक हैं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पूरे देश में की गई हैं। इसका उद्देश्य स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले ग्रामीणों को प्रशिक्षण दे कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाये, ताकि वह अपने जीवन स्तर में परिवर्तन लाकर गरीबी रेखा से ऊपर उठ पाये. ग्रामीण बेरोजगारों को आवश्यकता अनुरूप व्यवसायिक प्रबंधन एवं कौशल निपुणता हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था सरकार द्वारा की गयी हैं किन्तु उद्यमिता के अभाव में बी॰पी॰एल॰ वर्ग का कोई भी व्यक्ति व्यापार या व्यवसाय को सफलता पूर्वक नहीं चला पा रहा हैं। सरकार द्वारा चलाये जाने वाला यह ‘‘ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान‘‘ देश की हर जिले मे उपलब्ध है जिसकी जिम्मेवारी अग्रणी बैंक को सौपा गया है ताकि प्रशिक्षण के उपरांत बैंक द्वारा आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराया जा सके। इस प्रकार की आत्मनिर्भर होने की व्यवस्था-रोजगारों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। इस दिशा मे उत्तर प्रदेश सरकार और यूनियन ग्रामीण स्व रोज़गार प्रशिक्षण संस्थान गाजीपुर द्वारा उठाया गया यह कदम मिल का पत्थर साबित हुआ हैं जिसमें पूरे उत्तर प्रदेश से चयनित 58 हजार बैंक सखी महिलाओं में से गाजीपुर से चयन हुए 1224 महिलाओं का प्रशिक्षण की जिम्मेदारी यूनियन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान गाजीपुर को दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास विभाग के 16.12.2020 के अनुक्रम में शार्टलिस्टेड बी. सी. सखी जिसमे उन सभी महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से आवश्यक रूप से जुड़े रहना जरुरी है, के प्रशिक्षण एवं सर्टिफिकेशन प्रशिक्षण का कार्यक्रम दिनांक 30 दिसंबर 2020 से चल रहा है एवं उक्त बैच में 6 दिवसीय प्रशिक्षण के उपरांत 7 वे दिन ऑनलाइन परीक्षा IIBF द्वारा लिया जाता है तदुपरांत उतीर्ण होने पर IIBF द्वारा सर्टिफाइड किया जाता है। पुनः उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नामित गाजीपुर के लिए एजेंसी नियरबाई टेक्नोलॉजी द्वारा KYC करा कर उन्हें ID/पासवर्ड उपलब्ध कराया जायेगा जिसके माध्यम से ये महिलाएं बैंक और ग्रामीण जनता के बीच माध्यम बनकर गांवों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराएगी। आप अवगत हो की हमारी संस्था ने दिसम्बर 2020 से यह प्रशिक्षण शुरू कर अब तक 24 बैच के माध्यम से कुल 615 महिलाओं को बैंक सखी के रूप में प्रशिक्षित कर 580 महिलाओं को बैंक सखी के रूप में सर्टिफाइड कर चुकी है एवं वर्तमान में 2 बैच के माध्यम से पुनः 53 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही है जो उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन महिला शशक्तिकरण के माध्यम से उनको आत्म निर्भर बनाने का एक बड़ा प्रयास है जिसमें हमारे स्थानीय निकाय स्वतः रोज़गार (आजीविका) राष्ट्रिय ग्रामीण आजीविका मिशन, गाजीपुर का भी बहुत बड़ा योगदान है।.उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक बैंकिग सेवाओं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बी.सी. सखी योजना की शुरुआत की है।
इस योजना के तहत लोगो को घर-घर बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त करने का अवसर दिया जायेगा। इसके साथ ही ठब् सखी योजना के माध्यम से महिलाओ को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इस योजना में काम करने वाली प्रत्येक महिला सखी को अगले 6 महीने तक 4000 रुपये प्रति महीने के रूप में आमदनी दी जाएगी। उन महिलाओं को डिजिटल डिवाइस खरीदने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। प्रत्येक महिला को डिजिटल डिवाइस खरीदने के लिए 50000 रुपये की राशि सरकार से प्राप्त होगी। इनके कार्यों में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की सेवाएं प्रदान की जाएगी, इस योजना के माध्यम से लोगो तक घर-घर जाकर जन-धन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएँगी, लोगों को घर-घर जाकर लोन मुहैया करने के लिए जानकारी प्रदान की जाएगी की वे कैसे लोन के लिए आवेदन कर पाएंगे, वे लोग जिन्होंने बैंक से लोन लिया है, तो इस योजना के अंतर्गत कार्य कर रही महिलाओं द्वारा लोन रिकवर कराया जायेगा, बीसी सखी का मुख्य कार्य बैंक खाते से घर -घर जाकर पैसे जमा व निकासी करवाना है।