
गाजीपुर। मीडिया देख कैमरे में बोलने से जिले के डीपीआरओ अंशुल मौर्य कतराने लगे। आप पूरा मामला जानकार हैरान हो जाएंगे।
हुआ कुछ यूं कि करंडा ब्लाक में करीब बारह बजे डीपीआरओ अंशूल मौर्य व तहसीलदार की गाड़ी आ धमकी। गाड़ी देखते ही ब्लाक के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। वहां एक ऐसा वाकया हुआ कि जो आप सोच नहीं सकते हैं। वहां चश्मदीद लोगों के अनुसार करंडा ब्लाक में मौजूद करंडा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान राजेश बनवासी को डीपीआरओ साहब ने बुलाकर तहसीलदार के मौजूदगी में ब्लॉक के पीछे ले जाकर साहब और ग्राम प्रधान के बीच करीब दस मिनट तक गुपचुप वार्ता चलीं।
ग्राम प्रधान राजेश बनवासी ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि करंडा गांव में पंचायत भवन बनकर तैयार है बस उसको ढ़लईया कराना है लेकिन कुछ लोगो के दबाव में आकर आचार संहिता में भी दूसरे जगह पंचायत भवन बनवाने के लिए डीपीआरओ और तहसीलदार सरकारी भूमि का चयन करने आये है।
डीपीआरओ अंशूल मौर्य ने कहा कि दूसरे जगह सरकारी जमीन को देखने तहसीलदार के साथ आया था। वहीं पुराने पंचायत भवन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोर्ट से स्थगन आदेश है इसलिए दूसरे जगह भूमि का चयन किया जाएगा लेकिन सवाल तो यह उठता है कि बारात घर हो जाएगा तब स्थगन आदेश नहीं रहेगा क्या डीपीआरओ साहब। वहीं बाईट के संबंध में डीपीआरओ ने कहा कि हमको जो बताना था हम बता दिए कैमरा में नहीं बोलेंगे।