गाजीपुर के जमानियां में स्थानीय मोहल्ला बुद्धिपुर स्थित एकता लान में शाह के कुआं के पास गुरुवार की शाम हजरत ए कासिद के नाम मुशायरा व कवि सम्मेलन आयोजित की गई। इस दौरान मुशायरा व कवि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी डा, हर्षिता तिवारी, क्षेत्राधिकारी विधिभूषण मौर्य, तहसीलदार देवेंद्र कुमार यादव तथा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक श्याम जी यादव सरकारी कार्यों में व्यस्त रहने के कारण शामिल नही हो सके। जिसके बाद नगर पालिका परिषद चेयरमैन जय प्रकाश गुप्ता और आदर्श दिलदार नगर पंचायत के होनहार लोगों के चहेते अविनाश जयसवाल द्वारा चित्र पर दीप प्रज्वलित कर मुशायरा एवं कवि सम्मेलन की शुभारंभ किया। इसके पहले सरपरस्त नेसार अहमद वारसी ने सभी आए हुए मेहमानो को गुलदस्ता भेट कर स्वागत व अभिनंदन किया। इसके पश्चात बनारस से चल कर आई शायरा शाइस्ता सना ने अपनी मधुर स्वर से आयोजन को गति दिया। शाइस्ता सना ने पढ़ा की कोई ना जान सके ऐसा काम कर जाना, इसके बाद दूसरी नज्म पढ़ी की सराफ के उसूलों से बगावत करने लगते है। पढ़े लिखे भी महफिल में शरारत करने लगते है। नफरत का जाम मुझसे तो ढाला न जाएगा, ये काम मेरे दिल से संभाला न जाएगा, औकात जानता हूं मैं अपने शदू का कीचड़ किसी पर मुझसे उछाला न लाना जाएगा। जैसी गीत सुनाकर बाहबाही बटोरी। इस दौरान कवियों ने अपनी रचना से बीवियों पर व्यंग्य कसते हुए। आई हो मेरी जिदगी में तुम जुगाड़ बनके, मेरे घर में सोई रहती हो तुम पहाड़ बनके जैसी रचनाओ के बीच रखी जिसे साहित्य प्रेमियों ने जमकर सराहा। जाने माने शायर कुमार शैलेंद्र किसी मछली को पानी से निकालो मेरी चाहत का अंदाजा लगा लो, खिजा में एक नजर पत्तों पर डालो मेरी हालात का अंदाजा लगा। जैसी गीत सुनाई। जिसके बाद खचाखच पंडाल में उपस्थित श्रोतागणों ने तालियां बजाकर हौसला अफजाई की। शायर आजाद प्रतापगढ़ी में शानदार नज्म पढ़ी रहजनों की शक्ले भी राहबरो से मिलती थी। कवि मासूम रशीदी ने लिखना बहुत कठिन है पानी से पानी पर पानी लिखना बहुत कठिन है। तथा कवि डा, साजिद ने तेरे वाले कमान वाले हैं। बड़ी आन बान वाले हैं। जिसका सम्मान करते हैं। दुनिया हम वह हिदुस्तान वाले हैं. सुनाई। जबकि गहमर से पधारे कवि मिथलेश गहमरी ने अखबारों में एक समाचार रहता है जरूर दो बच्चे की मां दो बच्चों के पिता के संग फुर्र.तथा प्राइमरी स्कूलों की दशा पर व्यंग्य रचना पढ़कर जमकर बाहबाही लूटी। कवि नजर गाजीपुरी ने सुना है इश्क में गधे भी सूखी घास खाते हैं। पागल लोग हैं। प्यार में सल्फास खाते जैसी कविता पढ़ी। अंत में शायरा शाइस्ता सना ने अगले जन्म में मिलने का वादा ना कीजिए मैं पूर्णिमा का चांद हूं, आधा न कीजिए। मैं रुकमणी हूं आपकी अधिकार है, मेरा अधिकार छीन के मुर्म राधा ना कीजिए। जैसी गीत पढ़कर दिलों में जगह बना गईं। कवि युनुस अंसारी सोजू ने उनकी पंक्ति फक्र मुझे है। भारत मां मैं भी किसान का बेटा हूं। जैसी रचनाएं कवियों ने प्रस्तुत किया। और खबू वाहवाही लूटी। उक्त मौके पर विधायक ओम प्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह, आजाद प्रतापगढ़ी, शाइस्ता सना की पुरजोर ढंग से अभिनंदन स्वागत नेसार अहमद वारसी, शहजाद अली वारसी ने शाल गुलदस्ता भेटकर किया। मुशायरा कवि सम्मेलन की निजामत कर रहे, डा, रफी हसन उर्फी, कांवेनर शहजाद अली वारसी, प्रमोद कुमार, साथ ही अब्दुल रब नगमा, वकार फरीदी,नसीमुद्दीन खान,अदलीब जमानवीं, मुमताज अंसारी, अब्दुल फरह अंसारी आदि सहित आरिफ खान, सोनू पंडित, मेराज मंसूरी, नेहाल खान, सेराज खान, एडवोकेट मेराज हसन, निगार खान, संतोष पाण्डेय आदि लोग मौजूद रहे। फोटो
पालिका चेयरमैन जय प्रकाश गुप्ता दीप प्रज्वलित करते बगल में दिलदार नगर पंचायत के चेयरमैन अविनाश जयसवाल के साथ नेहाल खान नेसार अहमद वारसी