ग़ाज़ीपुर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना जिसमें गरीब और असहाय के इलाज के लिए पाँच लाख रुपये तक के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की गयी है। वहीं शासन ने इसमें संशोधन करने का मन बना लिया है जिसके तहत अब परित्यक्ता और तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं को गंभीर जानलेवा बीमारी होने पर पैसों की चिंता नहीं रहेगी।
प्रदेश सरकार ने इन महिलाओं को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल कर लाभ देने का निर्णय लिया है। शासन ने योजना में शामिल करने के लिए प्रदेश के जिलाधिकारियों को इन महिलाओं का डाटा तैयार कर भेजने के लिए पत्र जारी किया है। यह जानकारी एसीएमओ डॉ डी पी सिन्हा ने दी है। उन्होने बताया कि शासन से मिले निर्देश पर पात्र लाभार्थियों की संख्या जिला प्रोबेशन विभाग से मांगी गयी है ताकि इन्हें जल्द से जल्द योजना का लाभ दिलाया जा सके।
एसीएमओ ने बताया कि अब तक प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011 के अनुसार चयनित पात्रों को ही योजना का लाभ मिल रहा था। लेकिन प्रदेश में वंचित रहे लोगों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में चयन कर लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य किसी को इस योजना में न ही जोड़ा जा सकता है और न ही किसी को हटाया जा सकता है। अब प्रदेश सरकार ने सूबे की तीन तलाक पीड़ित और परित्यक्ता महिलाओं को भी मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है।
उन्होने बताया कि प्रदेश के जिलाधिकारियों को ऐसी सभी महिलाओं का डाटा भेजने के निर्देश जारी किए हैं। शासन से मिले निर्देश पर सभी ऐसी महिलाओं का डाटा तैयार किया जाने लगा है।
आयुष्मान भारत योजना में अब तक गाजीपुर जनपद के 1,992 लाभार्थी इसका लाभ उठा चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के आंकड़ों की बात करें तो आयुष्मान भारत योजना में 1.46 लाख परिवारों को आयुष्मान पत्र देने के लिए निर्देश दिये गए थे वहीं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 11,915 आयुष्मान पत्र जनपद को प्राप्त हुए थे। अभी तक 1.12 लाख गोल्डन कार्ड लाभार्थी परिवारों को दिया जा चुका है।