गोपाल जायसवाल
जमानिया। स्थानीय नगर से परशुराम जमदग्नि ऋषि घाट उर्फ बलुआ घाट स्थित रामलीला मैदान पर चल रहे तीन दिवसीय श्री राम चरित मानस के विश्राम दिवस गुरुवार की देर शाम संपन्न हुआ।
पं. नीरज पांडेय महाराज ने कहा कि मनुष्य को अच्छी संगत का अनुसरण करना चाहिए। जिस दिन मनुष्य के अंदर अच्छाई रूपी राम आ जाएगी। उस दिन बुराई रूपी रावण का अंत हो जाएगा और यह तभी संभव है। जब मानव अच्छी संगत में रहेगा। वहीं उन्होंने राम विवाह का भी प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि राम चरित मानस सनातन सभ्यता व संस्कृति का साक्षात प्रतीक है। इसके नायक प्रभु श्रीराम ने अपने आचरण व व्यवहार से उदात्त चरित्र का एक अदभुत प्रतिमान स्थापित किया है। इस अवसर पर अखिलेश चन्द्र उाध्याय, जय गोविन्द तिवारी, राम ध्यानी सेठ, उधव पाण्डेय, कमल चन्द्र बाबाजी, हरी किशुन शाह, माधव पाण्डेय, जयदेव वर्मा, विनाय, राम चन्दर राम, संगीता, मधु दूबे, हर्षिता, पूजा, गौरी आदि सहित सैकडो लोगों ने कथा का राम कथा का अमृत पान किया। कार्यक्रम का संचालन जम्दग्नी ऋषि आश्रम के पुजारी पं शेषधर उपाध्याय ने किया।