ज़मानिया। नगरवासी बन्दरों की आतंक से भयभीत हो चुके हैं। आये दिन किसी न किसी को बन्दरों के हमलों से घायल हो जा रहे हैं। इसके बाद भी बन्दरों की बढ़ती जनसंख्या से छुटकारा दिलाने के लिये विभागीय स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई।
बन्दरों के हमलों में घायलों का इलाज भी सही समय से पीएचसी पर नही की जा रही है। नगर कस्बा बाजार में लगभग 1000 हजार के आसपास बन्दरों की संख्या हो गयी है। लेकिन विभागीय स्तर पर बन्दरों को पकड़ने के लिये कार्यवाई नही हुई। मेराज मन्सूरी‚ त्रिलोकी नाथ चौधरी‚ शम्भु कश्यप‚ ब्रम्हदेव आर्य‚ सचितानन्द‚ अमरीश कुमार‚ अब्दुल रहमान अंसारी‚ गौस अंसारी‚ जाहिद मन्सूरी‚ परवेज आलम आदि लोगों ने विभागीय अधिकारियों पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए। कहा कि कोई ऐसा दिन न हो कि बन्दरों के हमलों में बच्चे बूढे़ महिलाएँ घायल हो रही हैं। घायल इलाज के लिये तत्काल नगर स्थित पीएचसी पर पहुँचते हैं। परन्तु स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोई न कोई बहाना बनाकर ताल मटोल करते हैं। जिसके चलते घायलों में काफी रोष व्याप्त हो गया है। बन्दरों की बढ़ती जनसंख्या आये दिन हमलों में घायल लोगों व् अभिभावक से विभागीय स्तर पर बन्दरों को पकड़ने की गुहार लगाया। और कहा कि कार्यवाई नही हुई। तो सड़क पर उतरने को मजबूर हो जायेंगे।