गाजीपुर। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के तत्वाधान में तथा मा0 प्रशांत मिश्र, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर के आदेशानुसार जिला कारागार में प्ली बारगेनिंग विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर की सचिव, सुश्री कामायनी दूबे, ने जानकारी देते हुये कहा कि प्ली बारगेनिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत आरोपी अपने अपराध को मर्जी से स्वीकार करता है। प्लीबारगेनिंग को 2006 में एक अमेंडमेंट के तहत सी0आर0पी0सी0 में एक नया अध्याय 21 में जोड़ा गया था। जिसके अनुसार कोर्ट आरोपी पर लगीं धाराओं को कम सजा में बदल सकता है। इसमें दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देखरेख में होता है। आरोपी की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे की कम कर दी जाती
है और आरोपी मजिस्ट्रेट के सामने अपने गुनाह को कबूल कर लेता है जिनमें 7 साल के कम सजा है और बंदी कुछ समय कारागार में व्यतीत कर चुके है वो जुर्म इकबाल का प्रार्थना पत्र देकर सुलह के माध्यम से केसों का अन्तिम रूप से निस्तारण करा सकते है। सचिव महोदया द्वारा कोविड-19 के बारे में विस्तृत रूप से जागरूक किया गया एवं बंदियों को साफ-सफाई रखने हेतु बताया गया। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि निःशुल्क अधिवक्ता हेतु व अन्य कोई सहायता प्राप्त करने हेतु कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर में जेल अधीक्षक के माध्यम से प्रार्थना पत्र प्रेषित कर लाभ प्राप्त कर सकते है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, विडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।