ग़ाज़ीपुर। अधिकारियों को आंगनवाड़ी केंद्र गोद लेने के निर्देश आने के बाद अब इन केंद्रों को और विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। वर्तमान में जनपद में 4127 आंगनवाड़ी केंद्र हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि गर्भधारण से लेकर जीवन के पहले दो वर्ष तक की अवधि अर्थात जीवन के प्रथम 1000 दिवस पोषण की दृष्टि से बच्चों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बच्चों के 90% मस्तिष्क का विकास जन्म से दो वर्ष तक तेजी से होता है। आंगनबाड़ी केंद्र न सिर्फ पोषण एवं स्वास्थ्य का केंद्र है बल्कि 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा देने का स्थल भी है। बच्चों के पोषण स्वास्थ्य एवं मानसिक स्तर की वृद्धि में आंगनबाड़ी केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी के दृष्टिगत आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श केंद्र बनाने के उद्देश्य से शासन ने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को पत्र भेजा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि यह योजना 10 जनवरी 2022 से शुरू होगी, जिसका मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, आधारभूत सुविधाओं को प्रदान कराना है। इसको लेकर विभाग के द्वारा सैम और मैम बच्चों की सूची तैयार कर जिला पोषण समिति के समक्ष प्रस्तुत करना है। सैम और मैम बच्चों वाले केंद्र को प्राथमिकता देते हुए गोद लेने की प्रक्रिया की जाएगी। गोद लिए जाने वाले केंद्र की सूची जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाएगी और उनके विचार विमर्श कर उनकी स्वीकृती पर गोद लिए जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्र चयनित किए जाएंगे। इसके साथ ही बीडीओ, सीडीपीओ सहित जनपद स्तरीय अधिकारियों को गोद लिए जाने वाले आगनबाडी केंद्र आवंटित किए जाएंगे। जनपद के जनप्रतिनिधि गण एवं जनपद स्तर अधिकारी द्वारा तीन आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया जाएगा। गोद लिए जाने वाले केंद्रों पर आधारभूत सुविधाओं में स्वच्छ पेयजल, बाल मैत्री शौचालय ,विद्युतीकरण, पोषण वाटिका ,केंद्र की रंगाई व पुताई ,भवन की भौतिक स्थिति के साथ ही ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस, स्मार्टफोन की उपलब्धता के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के बैठने हेतु कुर्सी मेज व अन्य सामग्रियों की उपलब्धता कराना होगा।