
जमानिया। तहसील के अधिवक्ताओं ने लखनऊ के विभूति खंड थाने में एक अधिवक्ता के साथ पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में सोमवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में आपात बैठक कर सभी न्यायालयों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
इस फैसले के बाद अधिवक्ताओं ने तहसील मुख्यालय स्थित सभी न्यायालय के न्यायिक कार्य का बहिष्कार शुरू कर दिया और जुलूस की शक्ल में तहसील परिसर में प्रदर्शन व नारेबाजी की। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और जम कर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं के इस बहिष्कार और प्रदर्शन के कारण सुदूर गांवों से अपने मामलों के निपटारे के लिए आए फरियादियों को निराश होकर लौटना पड़ा। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस पूरी तरह बेलगाम हो चुकी है। लखनऊ के विभूति खंड थाने में एक वकील के साथ किए गए अवमाननीय दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अविलंब सख्त कार्रवाई की मांग की, अन्यथा अधिवक्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और विशाल धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे। पूर्व अध्यक्ष गोरखनाथ सिंह ने अधिवक्ताओं से एकजुट होकर संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाने का आह्वान किया। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व लखनऊ के विभूति खंड थाने में एक वकील अपने साथी की मदद के लिए पहुंचे थे, जहां पुलिस पर अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार, गाली-गलौज और पेशाब पिलाने का सनसनीखेज आरोप लगाया गया था। इस अवसर पर काजी शकील‚ अमर नाथ राम, अक्षय कुमार, श्रवण कुमार, अंजनी, कमलकांत राय, सुनील कुमार, दारा सिंह, दीनदयाल‚ फैसल होदा‚ मेराज हसन‚ संजय दूबे‚ उदय नारायण सिंह, मेराज हसन, जयप्रकाश, मुनेश सिंह, अरविंद कुमार राय, दिग्विजय नाथ तिवारी, मिथिलेश सिंह, ज्ञान सागर श्रीवास्तव, शशि भूषण राय, रवि प्रकाश, सुनील कुमार, बृजेश ओझा, घनश्याम कुशवाहा, संजय यादव, रमेश यादव आजाद आदि अधिवक्ता शामिल रहे हैं।