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जमानियां। स्थानीय तहसील मुख्यालय स्थित बार एसोसिएशन सभागार में शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता संशोधन बिल के विरोध में बैठक कर सर्वसम्मति से न्यायिक कार्यों से विरत रहने और पूर्ण हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में सरकार विरोधी नारेबाजी की। इसके बाद अधिवक्ताओं ने मुख्य मार्गों पर जुलूस निकालते हुए बालिका इंटर कॉलेज तिराहे तक विरोध प्रदर्शन किया और फिर बार एसोसिएशन सभागार में लौट आए। इस हड़ताल के कारण ग्रामीण इलाकों से आए फरियादियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोग अपने मुकदमों की पैरवी कराए बिना निराश होकर लौट गए। हड़ताल के चलते एसडीएम कोर्ट, ग्रामीण न्यायालय सहित सभी कोर्ट में सन्नाटा पसरा रहा।
अधिवक्ताओं की चेतावनी – वापस लो बिल, नहीं तो आंदोलन होगा उग्र
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि सरकार को यह अधिवक्ता संशोधन बिल तुरंत वापस लेना चाहिए, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा। बार एसोसिएशन के सचिव अमरनाथ राम ने इस बिल को अधिवक्ताओं के अधिकारों के खिलाफ एक साजिश करार देते हुए कहा कि यह अधिवक्ताओं के हितों पर सीधा आघात है। उन्होंने सरकार से इस बिल को अविलंब वापस लेने और अधिवक्ताओं के हित में नया बिल लाने की मांग की। अमरनाथ राम ने कहा, “अधिवक्ता हमेशा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करते हैं, लेकिन सरकार का यह कदम उनके अधिकारों को कमजोर करने की साजिश है। यह आंदोलन अभी शुरुआत है, आगे यह और व्यापक होगा।”
सैकड़ों अधिवक्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन में सहभागिता
इस विरोध प्रदर्शन और हड़ताल में पूर्व अध्यक्ष गोरखनाथ, पूर्व अध्यक्ष रमेश सिंह यादव, पूर्व सचिव कमलकांत राय, उदय नारायण सिंह, मेराज हसन, फैसल होदा, अक्षय कुमार, जयप्रकाश, मुनेश सिंह, अरविंद कुमार राय, दिग्विजय नाथ तिवारी, मिथिलेश सिंह, ज्ञान सागर श्रीवास्तव, श्रवण, शशि भूषण राय, रवि प्रकाश, सुनील कुमार, बृजेश ओझा, घनश्याम कुशवाहा, संजय यादव, मनीष, आजाद सहित सैकड़ों अधिवक्ताओं ने भाग लिया। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।