
गाजीपुर। बहुचर्चित पीसीएफ टेंडर घोटाले में वांछित मुख्तार अंसारी के साले अनवर शहजाद को गाजीपुर की अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम (एडीजे) शक्ति सिंह की अदालत ने जेल भेज दिया। अदालत ने बुधवार को उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
क्या है मामला?
मरहूम मुख्तार अंसारी के प्रभाव वाले दौर में उनके सालों और परिवार के नाम पर “विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी” बनाई गई थी, जिसके माध्यम से पूर्वांचल में कई ठेके हासिल किए गए। अनाज भंडारण निगम (पीसीएफ) के टेंडर में भी इसी कंपनी का नाम शामिल था। 2021 में दर्ज मुकदमे में सामने आया कि गाजीपुर के नंदगंज स्थित एक बीज भंडारण केंद्र का टेंडर करीब 6 करोड़ रुपये का था, जिसे अनवर शहजाद ने अपने प्रभाव से अन्य कंपनियों को रोककर जबरन विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिलवा दिया। इस ठेके के लिए फर्जी कागजात तैयार किए गए थे।
अदालत का फैसला
मामला एडीजे प्रथम शक्ति सिंह की अदालत में चल रहा था। अनवर शहजाद ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए याचिका खारिज कर दी और उसे जेल भेजने का आदेश दिया।
सरकारी पक्ष का बयान
जिला सरकारी सहायक अधिवक्ता (फौजदारी) नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्तार अंसारी ने अपनी पत्नी और सालों के नाम से विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई थी, जो पूर्वांचल में ठेके-पट्टों का काम करती थी। नंदगंज स्थित बीज भंडार टेंडर में भी अन्य कंपनियों को टेंडर डालने से रोका गया और फर्जी कागजात के जरिए टेंडर हासिल किया गया। 2021 में इस घोटाले की जांच के बाद नंदगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें अनवर शहजाद वांछित था। अब अदालत के आदेश के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।