गाजीपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 225 जोड़ों का विवाह संपन्न

गाजीपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विवाह कार्यक्रम का भव्य आयोजन आरटीआई मैदान (नवीन स्टेडियम), गाजीपुर में संपन्न हुआ। समारोह का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह एवं अन्य मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस योजना के तहत कुल 225 जोड़ों का विवाह पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न कराया गया।
सरल और सादगी भरा विवाह समारोह
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने नवविवाहित जोड़ों को मंगलकामनाएं दीं। इस अवसर पर नवदंपतियों को विवाह प्रमाण पत्र एवं पौधरोपण हेतु आम वृक्ष का पौधा प्रदान किया गया। इसके अलावा, मुख्य अतिथि ने मंच से बटन दबाकर 35 हजार रुपये की धनराशि वधुओं के खातों में हस्तांतरित की।
मुख्य अतिथि सपना सिंह का संबोधन
जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह ने नवविवाहितों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि “सात फेरे लेकर लिया गया यह संकल्प जीवनभर निभाना चाहिए।” उन्होंने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को एक कल्याणकारी योजना बताते हुए कहा कि “इस योजना के माध्यम से हजारों बेटियों के हाथ पीले किए जा चुके हैं। गरीब, मजदूर और असहाय परिवारों को इससे बड़ी राहत मिली है।”
उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से समाज में फैली दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों पर प्रहार किया जा रहा है। “दहेज लेना और देना दोनों अपराध हैं, इसे खत्म करने की जिम्मेदारी हम सबकी है।” उन्होंने ससुराल पक्ष से आग्रह किया कि “वे नवविवाहित वधुओं को बहू नहीं, बल्कि बेटी के समान सम्मान दें।”
नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल का वक्तव्य
नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल ने सामूहिक विवाह योजना को बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता पर प्रहार बताया और कहा कि “इस कार्यक्रम के जरिए समाज को यह संदेश दिया जा रहा है कि बेटियां भी बराबरी की हकदार हैं।”
मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य की जानकारी
मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य ने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक नवविवाहित जोड़े को कुल 51,000 रुपये की सहायता दी जा रही है, जिसमें:
- 35,000 रुपये वधु के खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं।
- 10,000 रुपये उपहार के रूप में दिए जाते हैं।
- 6,000 रुपये विवाह समारोह के आयोजन हेतु प्रदान किए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत उन्हीं परिवारों को लाभ दिया जाता है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। साथ ही, दूल्हे की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और दुल्हन की 18 वर्ष होनी चाहिए।
अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि सुरेश राम, जिला विकास अधिकारी सुभाष चंद्र सरोज, उप जिलाधिकारी सदर मनोज पाठक, जिला सूचना अधिकारी राकेश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी राम नगीना यादव, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, खंड विकास अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सामूहिक विवाह योजना से दहेज प्रथा पर लगाम
कार्यक्रम में उपस्थित परियोजना निदेशक राजेश यादव ने कहा कि “यह योजना समाज में फैली दहेज प्रथा को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने नवविवाहितों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “सभी नवदंपति अपने जीवन में सुख, समृद्धि और प्रेम बनाए रखें।”
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, बेटियों के सम्मान और गरीब परिवारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। यह योजना न केवल विवाह संबंधी आर्थिक बोझ को कम कर रही है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी ला रही है।