
राजनीति में गलत को सही और सही को गलत कहने की परंपरा तो सदियों से चली आ रही है। लेकिन गाजीपुर में राजनीति में दखल रखने वाले लोग और जो खुद को चाणक्य का शिक्षक बताता हो अगर वह गलत लिखकर इस लिखे हुए वाक्य पर अगर छात्रों को शिक्षा देने लगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है की गाजीपुर में छात्र कितने काबिल बनेंगे। उनके सपने कितने मुकम्मल हो पाएंगे। ऐसा ही कुछ नजारा करीब एक सप्ताह पूर्व गाजीपुर के दुल्लहपुर इलाके के एक विद्यालय में डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराए जाने को लेकर लगाई गई स्क्रीन पर भाजपा नेता के द्वारा शिक्षा का मंदिर की जगह ‘शीक्षा का मंदीर’ लिखा गया और उसके बाद इस लिखे हुए शब्द पर वहां के छात्रों और अन्य लोगों को उपदेश भी दिया गया।
गाजीपुर का जखनिया विधानसभा के अंतर्गत आने वाला दुल्लहपुर इलाका जो कभी नकल का गढ़ कहा जाता था। यहां पर हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में सिर्फ देश ही नहीं विदेश से भी छात्र आकर परीक्षा देते थे। कहा जाता था कि जो जखनिया इलाके से पास नहीं हो पाएगा वह देश के किसी भी कोने से उत्तीर्ण नहीं हो पाएगा। इस इलाके के अलीपुर मदरा गांव में भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा में प्रत्याशी रहे पारस राय और अभिनव सिन्हा जो जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा के पुत्र हैं। एक विद्यालय में पहुंचे और वहां पर शिक्षा का मंदिर लिखकर उस पर हस्ताक्षर भी किया और उसके बाद प्रत्याशी रहे पारस नाथ राय ने छात्रों को एक लंबा चौड़ा भाषण भी दिया।
ऐसे में लोगो का कहना है की ज्ञान का दीपक जलाने वाले हाथों से जब शब्दों की हत्या होने लगे, तब सवाल उठते हैं। वीडियो में अभिनव सिन्हा कॉलेज के स्मार्ट बोर्ड पर कुछ • लिखते हुए नजर आ रहे हैं। उनके साथ मंच पर गाजीपुर लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी पारस नाथ राय भी खड़े हैं, जो बच्चों को उसी गलत लिखे हुए शब्द का महत्व समझा रहे हैं-बिलकुल सहज भाव से, मानो कुछ गलत हो ही न।
यह वही पारस नाथ राय हैं, जो लोकसभा चुनाव के दौरान खुद को “चाणक्य का शिष्य” बताते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों पर तीखे कटाक्ष करके सोशल मीडिया पर चर्चित रहे थे। लेकिन आज जब उनके सामने ‘शिक्षा’ की जगह ‘शीक्षा’ और ‘मंदिर’ की जगह ‘मंदीर’ लिखा गया, तब उनका चाणक्यत्व मौन हो गया और वह उसी ग़लत शब्द पर ज्ञान का भाषण देने लगे।
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और एक शिक्षक के सामने शिक्षा के मंदिर को भी गलत लिखे जाने के बाद अब लोगों की खूब प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है। जिसमें कुछ लोग बचाव करते हुए भी इसे छोटी गलती दे रहे हैं तो वहीं विपक्ष के लोग चटखारे लेकर गुरु जी के ज्ञान का बखान भी कर रहे है।