जमानियाँ। स्थानीय ब्लाक क्षेत्र के ग्राम बरुइन स्थित विपिन सिंह के हाते में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान दिल्ली शाखा गोरखपुर के द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय हरि कथा में शनिवार को भक्तों ने हरि कथा का श्रवण किया।
सर्व श्री आशुतोष जी महाराज के शिष्य कथा व्यास स्वामी ब्रम्हेशान्द महाराज ने अपनी मधुर वाणी द्वारा हरि के दिव्य लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि मानव तन ईश्वर की भक्ति के लिए मिला है। आज मनुष्य भक्ति को छोड़कर भोग विलास में मग्न हो गया है। इस मानव जीवन को आधार बनाकर इस संसार रूपी भवसागर से पार हुआ जा सकता है। मानव शरीर में ही ब्रह्म ज्ञान के द्वारा ईश्वर के प्रकाश स्वरूप का दर्शन किया जा सकता है। शास्त्रों के नियम के अनुसार ही ईश्वर की भक्ति करना चाहिए। शास्त्र सम्मत ज्ञान के लिए एक पूर्ण गुरु की आवश्यकता होती है। पूर्ण गुरु केवल ईश्वर भक्ति की ही चर्चा नही करते वरन् मानव घर में दिव्य दृष्टि खोलकर परम प्रकाश रूप का दर्शन करवाते हैं। शास्त्र के अनुसार ब्रह्म ज्ञान प्रदान के समय साधक का दिव्य दृष्टि खोलकर परम प्रकाश स्वरूप का दर्शन करवाते हैं। महात्मा कमल जी व महात्मा प्रभाकर जी ने अपने सुंदर भजनों से हरि भक्तों को मंत्र मुग्ध कर दिया। उक्त अवसर पर महेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, रामअवतार सिंह, संतोष सिंह पिन्टू, रणवीर सिंह, रन्तिदेव सिंह, अरुण सिंह बबलू, अमरेन्द्र सिंह आदि लोग मौजूद रहे।