जमानिया पक्का पुल से गंगा में कूदकर युवती ने दी जान।
जमानियां। धरम्मरपुर जमानिया पक्का गंगा पुल से शुक्रवार की सुबह एक युवती ने गंगा में छलांग लगा दी। बताया जाता है। की हेतिमपुर कटहरा गांव निवासी एक गुप्ता जाति की युवती पक्का पुल पहुंची। और देखते ही देखते पुल से छलांग लगा दी। पक्का पुल पर मौजूद रहे लोगों की सूचना पुलिस मौके पर पहुंची। और छानबीन में लगी रही। जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह तकरीबन 8 बजे जमानियां पुलिस को किसी ने सूचना दी कि 25 वर्षीय एक युवती पक्का पुल से गंगा में कूद गई है। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस राहगीरों ने बताया कि मौजूद राहगीर कुछ समझ सकते। इसके पहले ही युवती पुल से गंगा नदी में छलांग लगा कर जान दी। हालांकि युवती कौन है और कहाँ से आई, इसका पता नहीं चल पाया। इसके बाद भी गंगा नदी में कूदी युवती के बारे में पुलिस को कुछ भी पता नहीं चला।
बताया जाता है। की इस पुल की नींव वर्ष 2006 में रखी गई थी। भाजपा सरकार में पुल का निर्माण काफी तेजी से किया गया, लेकिन पक्का पुल के दोनों तरफ ऊंची ऊंची चादर की जाली से बैरिकेटिंग नही लगाए जाने से लोगों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है। बता दें कि वर्ष 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने जमानियां क्षेत्र को करंडा क्षेत्र से जोड़ने के लिए गंगा नदी पर पक्का पुल की आधारशिला रखी थी। निर्माण का दायित्व संभालने वाली यूपी सेतु निर्माण निगम के हवाले से तब दावा किया गया था कि यह पुल महज ढाई वर्षों में बन कर तैयार हो जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। चुनाव के बाद सत्ता पर काबिज बसपा सरकार ने इस सेतु के निर्माण को पांच वर्ष तक प्राथमिकता में शामिल नहीं की। जिससे सेतु का निर्माण 25 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो सका। अखिलेश यादव ने भी अपने पिता का मान रखते हुए एलान कर दिया कि उनके पिता के हाथों यूपी में जितने भी पुलों का शिलान्यास हुआ था, उन सभी को डेढ़ वर्ष के अंदर बनवा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अखिलेश यादव के पांच वर्षों के कार्यकाल में भी पुल का निर्माण कच्छप गति से आगे बढ़ता रहा। 14 वर्षों का वनवास काट कर भाजपा सत्ता में आई और सत्ता की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार को एक्शन वाली सरकार बताया। लोगों को पुल निर्माण की गति तेज होने की उम्मीद जगी। सरकार ने आवाम के इस उम्मीद पर खरा उतरते हुए कच्छप गति से हुए 35 फीसदी निर्माण कार्य को चीते की चाल पकड़ा दिया। तथा अप्रैल 2017 से निर्माण ने जोर पकड़ा तो महज 13 महीने में ही जून 2018 तक, करीब एक किलोमीटर लंबा और 20 पिलरों वाला दो लेन का पक्का सेतु बनकर तैयार हो गया। लेकिन पुल के दोनों तरफ चादर की जाली से बैरिकेंटिंग करना भूल गए। जिसके कारण पक्का पुल से अब तक दर्जन भर लोगों ने गंगा नदी में छलांग लगाकर अपनी जान देने का सिलसिला बना हुआ है।