डायरिया पांव पसार रहा‚ इलाज में जुटा स्वास्थ्य विभाग

डायरिया पांव पसार रहा‚ इलाज में जुटा स्वास्थ्य विभाग

जमानिया तहसील क्षेत्र के देवरियां एवं पाह सैय्यदराजा गांव में डायरिया से करीब 100 लोग पीड़ित है। जिसको ध्यान में रखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर से गांव में ब्लिचिंग पावडर का छिडकाव सहित दवा का वितरण किया गया।

देवरिया गांव में सुनेना देवी‚ अशोक कुमार राय‚ राज कुमार‚ सुमित कुमार‚ विशाल कुमार राय‚ अभिलाष कुमार राय‚ दीपक खरवार‚ दीपू खरवार‚ भिखारी खरवार‚ सीतू राय‚ अरविन्द कुमार आदि डायरिया से प्रभावित है। जिसकी सूचना जैसे ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ रविरंजन को हुई तो उन्होंने तत्काल टीम गठित कर गांव में भेज दिया और स्वम भी पहुंच गये। इस दौरान उन्होंने कहा कि दूषित खाना और पानी से यह बीमारी होती है। इससे मरीज के पेट में दर्द, मरोड़ के साथ लूज मोशन होने लगते हैं। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या होती है प्यास तेज लगती है, लेकिन पानी पीने पर उल्टी होने लगती है। कहा कि ऐसे में ध्यान देने और समय से इलाज की जरूरत है।  डॉ अमित चौरसिया ने कहा कि डायरिया दो तरह का होता है। एक्यूट और क्रॉनिक। एक्यूट डायरिया जीवाणु विषाणु या पैरासाइट के कारण होता है। यह सामान्यत: हफ्ते भर में ठीक हो जाता है, लेकिन जब बीमारी हफ्ते भर से ज्यादा रह जाए तो उसे क्रॉनिक कहा जाता है। क्रॉनिक डायरिया आंत की विभिन्न बीमारियों के कारण  हो सकता है। इसमें पाचन तंत्र की गंभीर गड़बड़ी पाई जाती है। उन्होंने सभी से बासी खाना खाने तथा साफ पानी पीने की अपील की और दिक्कत होने पर तत्काल सूचना देने की बात कही। इस संबंध में डॉ रविरंजन ने बताया कि देवरिया गांव में शुक्रवार को कुछ परिवार में डायरिया की शिकायत मिली है। जिस पर टीम ने जांच किया है और दवा का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को पाह सैय्यदराजा के करीब 8 परिवार भी डायरिया से पीड़ित पाए गए है। जिनके लिए भी टीम गांव में भेजी गई है। इस अवसर पर फामासिस्ट जेएन शुक्ला एवं भाष्कार दूबे सहित अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी मौजूद रहे।