गाजीपुर। जन्म लेने के बाद सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे नवजात के परिजनों को अब घबराने की कोई जरूरत नहीं है | ऐसे में अब उन्हें प्राइवेट नर्सिग होम या अस्पताल में बड़ी रकम खर्च करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए अस्पताल में “बबल सी पॉप मशीन” की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। जिला अस्पताल को दो “बबल सी पॉप मशीन” प्राप्त भी हो चुकी हैं, जिसकी कीमत प्रति मशीन लगभग 4.5 लाख रुपये बताई जा रही है। इन मशीनों को जल्द ही स्टाल कर नवजातों का उपचार शुरू कर दिया जायेगा।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ राजेश सिंह ने बताया कि इस मशीन के मिल जाने से अब उन नवजात शिशुओ को जिनका फेफड़ा पूरी तरह से विकसित नहीं होने के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है, उन्हें उपचार के लिए किसी दूसरे बड़े शहर का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि यह दो मशीनें जिला अस्पताल को प्राप्त हो चुकी हैं और आने वाले समय में इंजीनियर की टीम जिला अस्पताल पहुंचेगी और इन मशीनों को शिशु रोग वार्ड में स्टाल कर देगी जो विधिवत काम करना शुरू कर देंगी । जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुजीत कुमार पांडे ने बताया कि बहुत से बच्चे हैं जिनकी उम्र एक माह के अंदर होती है और उनका फेफड़ा पूर्ण रूप से विकसित नहीं होता है। इस कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत आती है। इसके लिए उन्हें कांटीनिवस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर की आवश्यकता होती है। इसी को देखते हुए और खासकर संभावित कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर तैयार किए गए पीडियाट्रिक वार्ड जो खासकर बच्चों के लिए बनाया गया है। उसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने दो बब्ल सी पॉप मशीन जिला चिकित्सालय को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इस मशीन से एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों जिन्हें सांस लेने में दिक्कत आएगी । उन बच्चों में यह मशीन एयर प्रेशर को मेंटेन करेगा। यह मशीन उन बच्चों में तब तक लगी रहेगी जब तक बच्चे खुद से सांस न लेने लगें ।