
गाजीपुर। भारत के चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रियाओं को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल 2025 तक सुझाव आमंत्रित किए हैं। आयोग ने राजनीतिक दलों को पत्र भेजकर उन्हें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर किसी भी अनसुलझे मुद्दे के लिए अपने विचार प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है।
आयोग ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं के साथ सहमत समय पर बैठक आयोजित कर सुझावों पर चर्चा की जाएगी ताकि चुनावी प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके। इससे पूर्व, पिछले सप्ताह भारत निर्वाचन आयोग के सम्मेलन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित संवाद स्थापित करें। उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकों में प्राप्त सुझावों का समाधान पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के भीतर किया जाए और 31 मार्च 2025 तक आयोग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से विकेंद्रीकृत जुड़ाव के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने का आह्वान किया है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि राजनीतिक दल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए स्थापित वैधानिक ढांचे के महत्वपूर्ण हितधारक हैं।आयोग ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 एवं 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और आयोग द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों, मैनुअल एवं पुस्तिकाओं के माध्यम से एक विकेंद्रीकृत, मजबूत एवं पारदर्शी कानूनी ढांचा तैयार किया गया है।आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करने कि अपील की है।