जमानिया। एंटी करप्शन टीम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने तीन प्रमुख घटनाओं को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए उपजिलाधिकारी को जिलाध्यक्ष ने लेखपालों संघ शुक्रवार को पत्रक सौपा।
जिलाध्यक्ष रमेश राम ने कहा कि 02 जनवरी को तहसील कासिमाबाद में कार्यरत लेखपाल श्यामसुन्दर को एंटी करप्शन टीम द्वारा गलत ढंग से गिरफ्तार किया । आरोप है कि ग्राम पिपनार में पैमाइश कार्य के दौरान किसी व्यक्ति ने उनकी जेब में जबरन पैसा डालकर उन्हें फंसाया। इसके तुरंत बादएंटी करप्शन टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस घटना का स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया और घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। संघ ने इस घटना को द्वेषपूर्ण बताते हुए उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। लेखपाल संघ ने यह भी आरोप लगाया कि जब श्यामसुन्दर को सदर कोतवाली लाया गया, तो उनके साथियों को उनसे मिलने नहीं दिया गया। तहसील अध्यक्ष विजय सिंह ने कहा कि संघ के जिला अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के साथ कोतवाल सदर और सीओ सदर द्वारा कथित तौर पर अभद्रता और धक्का-मुक्की की गई। संघ ने इसे संगठन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का प्रयास बताया है और कोतवाल सदर और सीओ सदर को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है। संघ ने यह भी आरोप लगाया कि तहसील सेवराई में कार्यरत लेखपाल जनक यादव पर हुए जानलेवा हमले को एक माह बीत चुका है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। संस्था ने थानाध्यक्ष दिलदारनगर और मामले के विवेचक को तत्काल बदलने की मांग की है। इन घटनाओं के विरोध में लेखपाल संघ ने 4 जनवरी को सभी लेखपाल काली पट्टी बांधकर सम्पूर्ण समाधान दिवस का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। लेखपाल संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर मंतोष सिंह‚ शिव प्रताप सिंह‚ सय्यद तौकिर हसन‚ विनित सिंह‚ अजीत कुमार‚ रूपेश रंजन सिंहा‚ संदीप कुमार‚ विजय कुमार‚ नितीश यादव‚ मृत्यंजय‚ अमित कुमार‚ ईश्वर कुमार आदि मौजूद रहे।