विश्व पर्यायवरण दिवस पर हेलमेट मैन का दिखा अनोखा अंदाज

विश्व पर्यायवरण दिवस पर हेलमेट मैन का दिखा अनोखा अंदाज

गाजीपुर। हेलमेट मैन के नाम से विख्यात राघवेन्द्र कुमार ने शनिवार को बिहार प्रान्त के कैमूर जनपद के ग्रामीण इलाकों में विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षों के संरक्षण का संदेश अनोखे तरीके से दिया। हेलमेट मैन ने सड़क के पास वृक्ष पर हेलमेट लटका कर वृक्ष संरक्षण के साथ ही जीवन संरक्षण तथा शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया। लागों ने कतार लगाकर अपनी पुरानी पुस्तक वृक्ष के जड़ के पास रखकर हेलमेट रूपी फल को ग्रहण किया।

हेलमेट मैन ने लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि हम प्रतिवर्ष करोड़ों बच्चों तक पुस्तक पहुंचाने में लाखों पेड़ काट देते हैं। पुस्तक सिलेबस चेंज होने की वजह से दूसरे बच्चों के काम नहीं आती है और पुनः हमें फिर से पेड़ काटकर पुस्तक बनाना पड़ता है इस तरह हम प्रतिवर्ष करोड़ों पेड़ काट देते हैं। 74 साल आजादी के बाद भी आज हमारा देश 100 प्रतिशत साक्षर नहीं है और आज भी 30 प्रतिशत बच्चे शिक्षा नहीं ले पाते हैं तथा पर्यावरण के बारे में नहीं समझ पाते हैं जो हमारे देश का दुर्भाग्य है। इस करोना महामारी के बीच सरकार की पहली प्राथमिकता है हर इंसान को वैक्सिन देना और इस महामारी को फैलने से रोकना। इस आपदा ने हमें यह बताया एक संक्रमित व्यक्ति कितनों को संक्रमित कर सकता है जिसकी कोई सीमा नहीं। ठीक उसी तरह हमारे समाज में बिना पढ़ा लिखा व्यक्ति समाज व पर्यावरण को दूषित कर रहा है। लॉक डाउन होने की वजह से बच्चों की पुस्तक के अभाव में शिक्षा नहीं हो पा रही है। इसलिए जो पढ़े लिखे लोग हैं अगर उनके घर में पुस्तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे तो किसी भी बच्चे की शिक्षा अधूरी नहीं रहेगी और उन बच्चों के अंदर देश के प्रति जिम्मेदारी के साथ पर्यावरण के प्रति भी जागरूकता बढ़ेगी। इसलिए प्रकृति के हर चुनौतियों से लड़ने के लिए हर बच्चे को साक्षर होना भविष्य के लिए जरूरी है। पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर छोटे बच्चों ने पोस्टर के माध्यम द्वारा लोगों से पौध रोपण की अपील की और साथ में अपनी पुस्तक देकर अपने पड़ोस के बच्चों को पर्यावरण के प्रति शिक्षित करने का संकल्प भी लिया। आगे उन्होने कहा कि अब तक पिछले 7 सालों में 49 हजार हेलमेट बांटकर 7 लाख बच्चों तक निशुल्क पुस्तकें दे चुका हूँ। भारत को सड़क दुर्घटना से मुक्त करने के लिए 100 फ़ीसदी साक्षर होना जरूरी है। शिक्षित समाज ही पर्यावरण की गंभीरता को समझ सकता है तथा भविष्य में आने वाली महामारी व गंभीर समस्या से लड़कर विश्व को उन्नत के शिखर पर ले जा सकता है। कार्यक्रम में रजत पांडेय, शुभम सिंह, धनुषधारी सिंह, धनलक्ष्मी सिंह, शिवेश, आदर्श, अनिकेत, रितु, अमित, मंगलम, परी, संदीप, कृष, अनंत, अभिषेक, अंकित, संगम, मनीषा, रूबी, अन्नू, प्रिया, शुभम, उमेश आदि लोग उपस्थित रहे।