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गाजीपुर। जिले में एक जून से 18 वर्ष से अधिक के लोगों का कोरोना टीकाकरण शुरू किया जाएगा । ऐसे में किशोरियों के मन में यह सवाल है कि माहवारी के समय में टीका लगवाना चाहिए या नहीं। इस संबंध में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हाथीखाना की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ईशानी वर्धन का कहना है कि माहवारी का कोविड के टीके से कोई संबंध नहीं है, माहवारी के समय भी टीका लगाया जा सकता है। यदि टीका लगाने के बाद टीके की जगह दर्द हो या बुखार हो तो पैरासिटामॉल की दवा ले सकते हैं।
वह बताती हैं कि माहवारी स्वच्छता व प्रबंधन के बारे में महिलाओं और किशोरियो को जानकारी देना बहुत जरूरी है ताकि वह माहवारी प्रबंधन के लिए उपलब्ध साधनों के बारे में और उपयोग के संबंध में निर्णय ले सकें। माहवारी के दौरान स्वच्छता के अभाव में प्रजनन प्रणाली के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए विद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों व कार्यस्थलों में स्वच्छता से जुड़ी बातें जैसे शौचालय को साफ रखना, साबुन-पानी से हाथ धोना और माहवारी में इस्तेमाल पैड के सही तरीके से निस्तारण की सुविधाएं होनी चाहिए। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि माहवारी के पांच दिनों में यदि हम सुरक्षित प्रबंधन नहीं करते हैं तो पेशाब की थैली, नली व बच्चेदानी में संक्रमण हो सकता है और आगे चलकर बच्चेदानी के मुंह में सिस्ट व घाव हो सकता है। लंबे समय तक संक्रमण मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
उन खास दिनों में क्या करें
डॉ ईशानी वर्धन का कहना है कि उन खास दिनों में संक्रमण से बचने के लिए जननांगों को पानी से अच्छे से साफ करना चाहिए। माहवारी के दौरान सूती कपड़े के पैड का उपयोग सबसे अच्छा रहता है। हर 24 घंटे में कम से कम दो बार पैड बदलना चाहिए। पैड बदलने के समय जननांग को पानी से धोकर सुखाना चाहिए। यदि अत्यधिक रक्तस्राव हो या पेट में अत्यधिक दर्द हो तो विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाना चाहिए। माहवारी में उपयोग किये गए पैड या कपड़े को खुले में नहीं फेंकना चाहिये, क्योंकि ऐसा करने से उठाने वाले व्यक्ति में संक्रमण का खतरा हो सकता है। पैड को जमीन में गड्ढा खोदकर दबा देना चाहिए या मटका विधि से पैड का निस्तारण करना चाहिए।