गाजीपुर। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के तत्वाधान में तथा प्रशांत मिश्र, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर के आदेशानुसार 16.07.2021 को वृद्धजन आवास/वृद्धाश्रम, महुआबाग, गाजीपुर का निरीक्षण तथा वरिष्ठ नागरिको के अधिकार विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
सचिव, द्वारा वृद्धाश्रम गाजीपुर में रह रहे वरिष्ठ नागरिको से उनकी समस्याओं के बारे में बताया। सचिव द्वारा कन्या भ्रूण हत्या एवं लिंग निर्धारण प्रतिक्रिया पर तथा प्रबन्धक वृद्धाश्रम, गाजीपुर को Maintenance and wefare of Parents and Senior Citizen’s Act 2007 के सम्बन्ध में विधिक रूप से जागरूक किया गया। सचिव द्वारा बताया गया कि कोई भी वृद्ध जन अपने संतान, पुत्र, पौत्र, दत्तक पुत्र, पुत्री अपने सौतेले संतान से अपने जीविका को चलाने के लिए, अपनी जीवन चर्या के अनुरूप भरण-पोषण की मांग कर सकते है। इसके लिए प्रार्थना पत्र उपजिलाधिकारी के यहां स्वयं या किसी संस्था के माध्यम से या ट्रिबुनल स्वतः संज्ञान लेकर, इसके संबंध में कार्यवाही कर सकती है। भरण-पोषण अधिकारी इस हेतु माता-पिता का प्रतिनिधित्व करते है। संतान को दोषी पाये जाने पर ट्रिबुनल उन्हे तीन माह कारावास या 5000 रूपये जुर्माना या दोनों की सजा सुना सकती है। ये अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते है। मुकदमा लम्बित रहने के दौरान ट्रिबुनल अंतरिम भरण-पोषण का आदेश कर सकती है और व्यतिक्रम पर रकम की वसूली वारण्ट से करा सकती है और जुर्माना नहीं चुकाने पर एक माह कैद की सजा या जब तक जुमनि की रकम अदा नहीं करते, तब तक क्रमशः इस सजा को भदल सकती है। इस अधिनियम के तहत 10 हजार रूपये त भरण- पोषण की रकम दिलायी जा सकती है। उपजिलाधिकारी के आदेश से व्यथित माता-पिता, वरिष्ठ नागरिक जिलाधिकारी के यहां 60 दिन के भीतर अपील कर सकता है। यदि कोई संतानहीन वरिष्ठ नागरिक है तो वह अपने उस संबंधी से जो उसकी मृत्यु के बाद उसकी सम्पत्ति प्राप्त करेगा, उस पर भरण-पोषण का वाद ला सकता है। सचिव द्वारा वरिष्ठ नागरिकों से कोविड-19 से बचाव हेतु वैक्सीन लगवाने हेतु प्रेरित किया गया। इस अवसर पर ज्योत्सना सिंह, प्रबन्धक वृद्धजन आवास/वृद्धाश्रम, महुआबाग, गाजीपुर में रह रहे वरिष्ठ नागरिक व कार्यालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।