
जमानियां। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभाग के आचार्य एवं अध्यक्ष प्रो अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय की विद्या वारिधि उपाधि की ऑनलाइन मौखिकी शुक्रवार को पूर्वाह्न संपन्न कराया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के सहयुक्त महाविद्यालय हंसराज कॉलेज दिल्ली की हिंदी विभाग की आचार्य प्रो राजमोहिनी सागर के निर्देशन में “मतिराम और पद्माकर की काव्यभाषा का तुलनात्मक अध्ययन” शीर्षक से लवलेश कुमार द्वारा प्रस्तुत शोध प्रबंध की मूल्यांकन आख्या वाह्य परीक्षक के रूप में प्रो शास्त्री ने मार्च के अंतिम सप्ताह में सम्मिट किया था। कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय ने मौखिकी के लिए प्रो शास्त्री को मौखिकी हेतु नामित किया था जिसे आज शुक्रवार को उन्होंने सम्पन्न कराया।
शोधार्थी लवलेश कुमार ने शोध प्रबंध के सापेक्ष परीक्षक द्वारा पूंछे गए सभी प्रश्नों यथा शीर्षक चयन की पृष्ठभूमि, प्रयुक्त शोध प्रविधि, पाठ योजना, कविवर मतिराम और पद्माकर का रचनाकाल, भाषाई वैविध्य का कारण, तुलनात्मक अध्ययन के लाभ, रीतिकालीन साहित्य के चयन का उद्देश्य और इस शोध की उपादेयता सहित शोध में आपने नया क्या किया जैसे सभी प्रश्नों का शोधार्थी ने संतोषजनक उत्तर दिया। सफल मौखिकी के आधार पर प्रो शास्त्री ने अनुसंधित्सु लवलेश कुमार को दिल्ली विश्वविद्यालय की पी-एच.डी.हिंदी की उपाधि प्रदान किए जाने की सहर्ष संस्तुति की। ऑनलाइन मौखिकी में दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली की हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो सुधा सिंह शोध निर्देशक प्रो राजमोहिनी सागर शोधार्थी लवलेश कुमार एवं तकनीकि सहयोग हेतु कनुप्रिया जी जुड़ी रहीं। इस आशय की जानकारी महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी एवं हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ अभिषेक तिवारी ने विज्ञप्ति जारी कर दी है।