सुशील कुमार गुप्ता
मतसा । स्थानीय क्षेत्र के ढ़़ंढंनी स्थित महावीर मंदिर के प्रांगण में हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय श्रीराम कथा में प्रथम दिन मानस मंजरी विभा उपाध्याय ने कहाँ की कथा आजकल सबकी इच्छा यहीं होती हैं कि हम जो कर्म करें उसका अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो और यहीं विचार मन मे रखकर राम कथा सुनने जाने वाले ने पूछा कि राम कथा की महत्ता क्या हैं।
राम कथा सुनने से मिलता क्या हैं तुलसीदास जी ने बड़ा सुंदर जवाब दिया कि यह सुनने वाले और कहने वालों की सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाली कामधेनु और कल्पबृक्ष कि सदृश्य है हमारे जीवन मे व्याप्त समस्त शंका दुःख और विषाद को दूर करती है। रामकथा भगवान की कथा सकल लोक को पावन करने वाली गंगा की भांति पतित पावनी है। भागवताचार्य चन्देश महाराज ने कहाँ की भगवान की सेवा दिखावा के लिए नहीँ , मन से करना चाहिए किसी प्रकार के दिखावे की पूजा -अर्चना प्रभु स्वीकार नहीं करते। उन्होंने कहाँ की अपने घर परिवर्तन एंव समाज मे वृद्ध असहाय और रोगी व्यक्ति की सेवा बिना भेदभाव के करना नारायण की भक्ति के जितना ही फलदायक होता हैं इस शरीर को नारायण की सेवा में लगा देना चाहिये जिससे हमारे जीवन मे जाने अनजाने में जो पाप हुए हैं वे समाप्त हो जाये यह तभी सम्भव हैं जब भगवान नाम की औषधि को अपने शरीर में धारण कर लें। नाम के जप को आधार बनाकर हम जन्म जन्मांतर के चक्र से मुक्ति पा सकते हैं।