Skip to content
Ghazipur News

Ghazipur News

Primary Menu
  • खबर ⁄ समाचार
    • अपराध
    • घटना / दुर्घटना
    • धरना प्रदर्शन
    • समस्या
    • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर
    • साहित्य एवं कला
    • खेत खलिहान
    • सूचना
  • खेल–कूद
  • स्वास्थ्य
    • कोरोना
  • राजनीति
  • धर्म ⁄ ज्योतिष
  • वीडियो
  • हमारे बारे में
    • गोपनीयता नीति
    • संपर्क करें
  • खबर ⁄ समाचार

सबीना पर कुरान पाक की किताबे पढ़ाई हुई

ब्यूरो 26-03-2024

शेयर करें:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
  • Click to share on X (Opens in new window) X
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window) LinkedIn
  • Click to share on Telegram (Opens in new window) Telegram
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window) WhatsApp
Screenshot_20240326-125927_1.png

वाराणसी के मुकीम गंज मे माहे ए रमजान के पवित्र महीना मे रोजेदार नसीर अहमद अपने मकान पर आलिमों द्वारा सबीना के मौके पर सुबह से लेकर रात्रि ८ बजे तक कुरान पाक की पढ़ाई कराई गयी। पढ़ाई खत्म होने के बाद लगभग सौ की तदाद मे रोजेदार

लोगों को अफ्तार कराई गयी। उक्त मौके पर आलिमों ने बताया की कुरान भर के लाखों मुसलमान हज के लिए हर साल सऊदी अरब पहुंचते है। उन्होंने बताया की इस्लाम का यह प्राचीन धार्मिक अनुष्ठान दुनिया के मुसलमानों के लिए काफ़ी अहम है। नसीर अहमद ने कहा की इस्लाम के कुल पाँच स्तंभों में से हज पांचवां स्तंभ है। सभी स्वस्थ और आर्थिक रूप से सक्षम मुसलमानों से अपेक्षा होती है। कि वो जीवन में एक बार हज पर ज़रूर जाएं। अहमद ने बताया की हज को अतीत के पापों को मिटाने के अवसर के तौर पर देखा जाता है। ऐसा माना जाता है। कि हज के बाद उसके तमाम पिछले गुनाह माफ़ कर दिए गए हैं। और वो अपनी ज़िंदगी को फिर से शुरू कर सकता है। ज़्यादातर मुसलमानों के मन में जीवन में एक बार हज पर जाने की इच्छा होती है।. कुछ मुसलमान तो ऐसे भी होते हैं जो अपनी ज़िंदगी भर की कमाई हज पर जाने के लिए बचाकर रखते हैं। दुनिया के कुछ हिस्सों से ऐसे हाजी भी पहुंचते हैं। जो हज़ारों मील की दूरी महीनों पैदल चलकर तय करते हैं। और मक्का पहुंचते हैं।मुसलमानों के लिए इस्लाम के पाँच स्तंभ काफ़ी मायने रखते हैं। ये स्तंभ पाँच संकल्प की तरह हैं। इस्लाम के मुताबिक़ जीवन जीने के लिए ये काफ़ी अहम हैं। हर मुसलमान का विश्वास होना.लाजिमी है। की दिन में पाँच बार नियम से नमाज़ अदा करना। रमज़ान के दौरान रोजा मे उपवास रखना। नसीर अहमद ने बताया की मुसलमानों का ऐसा मानना है कि अल्लाह ने पैग़ंबर अब्राहम (जिसे मुसलमान इब्राहीम कहते हैं) को आदेश दिया कि वो अपनी पत्नी हाजरा और बेटे इस्माइल को फ़लस्तीन से अरब ले आएं ताकि उनकी पहली पत्नी सारा की ईर्ष्या से उन्हें (हाजरा और इस्माइल) बचाया जा सके। मुसलमानों का ये भी मानना है कि अल्लाह ने पैग़ंबर अब्राहम से उन्हें अपनी क़िस्मत पर छोड़ देने के लिए कहा. उन्हें खाने की कुछ चीज़ें और थोड़ा पानी दिया गया. कुछ दिनों में ही ये सामान ख़त्म हो गया. हाजरा और इस्माइल भूख और प्यास से बेहाल हो गए

Continue Reading

Previous: बुराई की होलिका जलाई गयी, इस दौरान जमकर खेली होली
Next: बाहुबली मुख्तार अंसारी की तबियत बिगड़ी

संबंधित खबरें

PHOTO--4 (3)
  • खबर ⁄ समाचार

ईद-उल-जुहा को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग का विशेष अभियान, 06 नमूनें संग्रहित

विशेष संवाददाता 06-06-2025
5478
  • खबर ⁄ समाचार

फहीपुर गांव में पोखरी से अतिक्रमण हटाया, तहसील प्रशासन की सख्त कार्रवाई

विशेष संवाददाता 05-06-2025
khabarimg
  • खबर ⁄ समाचार

विकसित कृषि संकल्प अभियान रेवतीपुर के किसान होंगे आधुनिक, आत्मनिर्भर

ब्यूरो 31-05-2025

शायद आपने नहीं देखा

01 (5)
  • घटना / दुर्घटना

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जलता ट्रेलर बना शोला, आधा दर्जन ट्रैक्टर जलकर खाक – बाल-बाल बचे चालक और सहायक

विशेष संवाददाता 07-06-2025
44
  • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर
  • धर्म ⁄ ज्योतिष

शांति, भाईचारे और उल्लास के साथ मनाया गया ईद-उल-जुहा का पर्व

विशेष संवाददाता 07-06-2025
khabarimg
  • अपराध

दहेज प्रताड़ना को लेकर महिला ने थाने में दर्ज कराई एफआईआर

विशेष संवाददाता 07-06-2025
01 (3)
  • खेल–कूद

डायमंड स्पोर्टिंग क्लब द्वारा क्रिकेट टूर्नामेंट का शानदार आगाज़, शाहपुर टीम विजेता

विशेष संवाददाता 07-06-2025
Copyright © All rights reserved. | MoreNews by AF themes.