राम की कथा धरती पर दुसरी गंगा के समान– पंडित नीरज शास्त्री

राम की कथा धरती पर दुसरी गंगा के समान– पंडित नीरज शास्त्री

जमानिया। क्षेत्र के रघुनाथपुर में आयोजित मानव धर्म प्रसार प्रवर्तन समाजसेवी संस्था के 35 वां वार्षिक सम्मेलन में पंडित नीरज शास्त्री ने कहा कि रामजी की कथा इस धरती पर दूसरी गंगा के समान है। जो मनुष्य राम कथा का अथवा रामजी के नाम को निरंतर श्रवण करता है और उसका निरंतर सुमिरन करता है। उसके जीवन में पहले तो संकट आएगा नहीं और यदि पूर्व कर्मों की वजह से संकट आ भी गया तो टिकेगा नहीं।

मनुष्य को चाहिए कि संसार के संबंधों के प्रति अपने उत्तरदायित्व को कुशलता पूर्वक निर्वहन करे उन्होंने धनुष यज्ञ व राम विवाह की कथा सुना कर लोगों का मन मोह लिया। इस अवसर पर संत दयाराम दास ने कहा कि संत गंगाराम दास महाराज समय को देखकर भविष्य की बात करते थे वह समाज में मानवता की स्थापना पर लोगों को बराबर चेता आया करते थे। यदि समाज से मानवता का अगर लोप हुआ तो जीव का जीवन बेकार चला जाएगा वह हमेशा भारतीय संस्कृति और सभ्यता का पुनर्जागरण करने की बात किया करते थे। जिससे समाज में सत्य और न्याय की स्थापना कर लोगों की भलाई की जा सके कथा में शिवजी महाराज कुमारी आरती पाठक‚ चंद्रेश महाराज‚ बुच्चा यादव आदि ने मानस पर उपदेश दिये। कथा मंच का संचालन सुखपाल महाराज ने की। इस अवसर पर रात्रि में आदर्श रामलीला समिति द्वारा रामलीला का मंचन भी किया गया। जिसमें क्षेत्र के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी ली।