
गहमर। थाना क्षेत्र के भदौरा गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर संघर्ष हुआ। पीड़ित आदित्य कुशवाहा ने आरोप लगाया है कि जब वह अपने घर का निर्माण करा रहे थे, तभी पड़ोसी धर्मेन्द्र, रामानुज, अछैबर, बाबूलाल और धनमान लाठी-डंडों से लैस होकर उनके घर में घुस आए और हमला कर दिया।
पीड़ित के अनुसार, इस दौरान आरोपियों ने उनके पिता अर्जुन कुशवाहा, माता कुन्ती देवी और भाभी चाँदनी के साथ मारपीट की और महिलाओं के साथ अभद्रता भी की। आदित्य ने बताया कि यह घटना 17 जनवरी को हुई थी। जब वे घायल परिजनों को लेकर थाने पहुंचे, तो वहां मौजूद दरोगा ने उनकी रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि विपक्षियों के एक रिश्तेदार, जो डीएसपी के पद पर हैं, उनके प्रभाव में गहमर पुलिस ने उल्टा पीड़ित पक्ष के खिलाफ ही बीएनएसएस की धारा 170 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेज दिया। जमानत के बाद पीड़ित का प्राथमिक उपचार जमानियां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया।
आदित्य ने बताया कि जमानत मिलने के बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से शिकायत भेजी, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विपरीत, विपक्षियों ने पीड़ित के खिलाफ ही एक फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया है।
अब पीड़ित आदित्य ने न्यायालय में अर्जी देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि विपक्षी लगातार उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित पक्ष ने न्याय की गुहार लगाते हुए प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
इस संबंध में जब प्रभारी निरीक्षक आशेष नाथ सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि इस मामले में 6 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।