नर्क से बदतर है ये अवैध मानसिक अस्पताल, इलाज के नाम पर डॉक्टर दबाते थे गला-मरीज की मौत पर हुआ खुलासा  

नर्क से बदतर है ये अवैध मानसिक अस्पताल, इलाज के नाम पर डॉक्टर दबाते थे गला-मरीज की मौत पर हुआ खुलासा  

जमानिया। कोतवाली क्षेत्र के मदनपुरा गांव में चल रहे अवैध पागलखाना (सहारा जन कल्याण मानसिक अस्पताल) में इलाज के दौरान हुई मौत के मामले में मंगलवार को तहसील प्रशासन‚ पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। वही स्वास्थ्य विभाग की ओर से लिखित नोटिस चस्पा की गई है और 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अस्पताल में 5 मरीज विक्की कुमार(21) निवासी ग्राम पट्टी‚ कैमूर बिहार‚ मोहम्मद इकराम खां (20) निवासी मिर्चा‚ दिलदारनगर गाजीपुर‚ श्याम सुन्दर राम (20) निवासी ग्राम सुक्रवलीया‚ बक्सर बिहार‚ रमेश कुमार (18) निवासी महेवा‚ मुगलसराय‚ निकुंज कुमार राय(36) निवासी ताजपुर मांझा‚ जमानिया‚ गाजीपुर‚  जमानियां गाजीपुर भर्ती पाये गए। जिनके पैरों में जंजीर बंधी हुई थी और जेल नुमा कमरे में बंद किया गया था। भर्ती मरीजों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने वार्ता की और सभी मरीज मानसिक रूप से स्वस्थ पाए गए। वही स्थानीय लोगो ने बताया कि इन मरीजों की समय समय पर पिटाई की जाती है। मंगलवार को अस्पताल पर पहुंचे एसडीएम अभिषेक राय‚ अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मुंशीलाल‚ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ रविरंजन‚ प्रभारी निरीक्षक श्याम जी यादव ने मौका मुआयना किया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल पर नोटिस चस्पा की गई और 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया। जवाब न देने की स्थिति में सुसंगत धाराओं में मुकदमा किए जाने की बात कही गई। जांच में पहुंचे अधिकारियों को पांच मरीज मिले और एक एक कर सभी के परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। शाम चार बजे तक सभी मरीजों को उनके परिवार के लोगों के सुपुर्द कर दिया गया था। जिसके बाद सभी अधिकारी वापस लौट गए। इस अवसर पर जिला प्रशासनिक अधिकारी प्रेम चन्द्र चौहान‚ प्रधान सहायक प्रमोद कुमार‚ कनिष्ठ सहायक दीपक श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।