कालाजार से दो-दो हाथ करने के लिए दिया प्रशिक्षण

कालाजार से दो-दो हाथ करने के लिए दिया प्रशिक्षण

गाजीपुर। कालाजार, बालू मक्खी से फैलने वाला रोग है। इस पर नियंत्रण के लिए गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद पर सहयोगी संस्था पाथ द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और केंद्र पर तैनात कर्मियों को कालाजार से बचने के उपाय के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। यह प्रशिक्षण चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष राय की अध्यक्षता में पाथ के डॉ दीपक ने दिया।

डॉ आशीष राय ने बताया कि कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है जोकि बालू मक्खी के माध्यम से फैलता है। यह बालू मक्खी कालाजार रोग के परजीवी लीशमेनिया डोनोवानी को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलाती है। बालू मक्खी कम रोशनी वाली और नम जगहों – जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों, जानवर बंधने के स्थान तथा नम मिट्टी में रहती है। कालाजार एंडेमिक जनपदों में यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा से बुखार हो और वह मलेरिया या अन्य उपचार से ठीक न हो तो उसे कालाजार हो सकता है | कालाजार उत्पन्न करने वाले परजीवी के संक्रमण से रोगी के शरीर के रोगों से लड़ने की क्षमता घट जाती है जिसके कारण उसे दूसरे रोगों से संक्रमित होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

डॉ दीपक ने बताया कि कालाजार उन्मूलन की वर्तमान रणनीति के मुख्य रूप से दो स्तम्भ हैं; a) शीघ्र निदान और उपचार b) कीटनाशक दवा का छिड़काव यानि (आई.आर.एस)। आई.आर.एस. एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा घर के अन्दर की दीवारों और घर में जानवरों के लिए बनाए गए आश्रय स्थलों पर दवा का छिड़काव किया जाता है ताकि, कालाजार बीमारी का कारण बनने वाली बालू मक्खी से बचाव किया जा सके। कीटनाशक का छिड़काव बालू मक्खी की संख्या को कम करता है। कीटनाशक का छिड़काव यदि सभी हिस्सों में नहीं किया गया हो तो बालू मक्खी बिना छिड़काव वाले सतह पर रह जायेगी और उसे कोई नुकसान नहीं होगा।

उन्होंने कालाजार के समूल उन्मूलन में सामुदायिक सहभागिता की अत्यंत आवश्यकता बतायी | प्रदेश के हर नागरिक को इस बीमारी की गंभीरता को समझते हुए अपने आस-पास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए और अगर स्वयं या किसी में कालाजार से संक्रमित होने के लक्षणों का आभास हो तो तुरंत अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य प्रदाताओं से संपर्क स्थापित करना चाहिए।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पाथ से डॉ अमरेश , मनोज कुमार , डा० ज्ञान चन्द्र,डॉ दिपक सिंह , अरुण कुमार , नितिन प्रकाश , त्रिभुवन चौरसिया के साथ ही डीपी हम संजीव कुमार और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे