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गाजीपुर। जिला पंचायत सभागार में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के आदेश एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व दिनेश कुमार के निर्देश पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला समूह सहायता की भूमिका पर एक दिवसीय जनपद स्तरीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अपर जिलाधिकारी दिनेश कुमार एवं विशेष अतिथि सिद्धार्थ राय (युवा पुरस्कार प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता) द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
आपदा के प्रभाव को कम करने पर जोर
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि आपदाओं को रोका नहीं जा सकता, लेकिन समुचित जानकारी व सतर्कता से उनके प्रभाव को न्यून किया जा सकता है। उन्होंने सर्पदंश की घटनाओं का विशेष उल्लेख करते हुए लोगों से झाड़-फूंक में न पड़कर सीधे अस्पताल जाकर एंटी स्नेक वेनम लगवाने की अपील की। विशेष अतिथि सिद्धार्थ राय ने आपदा के पूर्व, दौरान और पश्चात किए जाने वाले आवश्यक कदमों की विस्तृत जानकारी दी। जिला एपिडेमियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के बारे में जागरूक किया, वहीं अग्निशमन विभाग के फायरमैन ने गैस सिलेंडर में आग लगने व अन्य अग्निकांडों से बचाव पर चर्चा की।
आपदा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं
आपदा विशेषज्ञ अशोक राय ने बताया कि गाजीपुर जिले में सर्पदंश, आकाशीय बिजली एवं डूबने की घटनाएं प्रमुख आपदाओं में शामिल हैं। उन्होंने दामिनी ऐप के उपयोग, आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों और अहैतुक सहायता प्रक्रिया की जानकारी दी।
वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को मिला पुरस्कार
कार्यक्रम में आपदा से निपटने की रणनीतियों पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें पांच विजेताओं को ₹1000 का पुरस्कार देने की घोषणा की गई। विजेता इस प्रकार रहे:
- सुमन सिंह (जमानिया)
- अनू भारती (भावरकोर)
- पुष्पा देवी (सदर)
- अनीता (सैदपुर)
- पूनम देवी (कासिमाबाद)
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों का सहयोग
कार्यक्रम को सफल बनाने में देवनंदन दुबे (डीसी, एनआरएलएम) व उनके विभागीय कर्मचारियों—सी.आर.ए. राधेश्याम, राकेश तिवारी, सत्येंद्र, श्याम, सरफुद्दीन व सुरेंद्र आदि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन आपदा विशेषज्ञ अशोक राय ने किया।